
फिर छिड़ी उम्र को लेकर बहस!,फिर छिड़ी उम्र को लेकर बहस!,फिर छिड़ी उम्र को लेकर बहस!
अभिषेक श्रीवास्तव
उदयपुर संभाग. ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे राजनीति ने ठगा नहीं! उदयपुर में कुछ ऐसा ही हो रहा है। गुजरात चुनाव में अपनाए गए फॉर्मूले के बाद एक बार फिर भाजपा में उम्र का जिन्न बाहर आ चुका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर वही फॉर्मूला अपनाया गया तो राजस्थान में कई चेहरे चुनावी परि²श्य से गायब हो जाएंगे। भले ही चुनाव में लगभग 11 महीने का समय है, लेकिन इस पर बहस छिड़ चुकी है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने जब से कहा है कि पार्टी मौका देगी तो वह 12वीं बार चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं, तब से आस लगाए बैठे कई अन्य नेताओं के अरमान दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। हालांकि इस बहसबाजी से दूर कटारिया जनाक्रोश के बहाने हर मोर्चे पर अपनी सियासी ताकत का अहसास करा रहे हैं।
2018 के चुनाव में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के बीच बराबरी का परिणाम देने वाले मेवाड़-वागड़ में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया लगातार दौरे कर रहे हैं। जनाक्रोश रैली में सरकार को कोसने के साथ ही भीड़ भी जुटाई जा रही है। केंद्र सरकार के कोविड को लेकर जारी निर्देश इन रैलियों में बौने साबित हो रहे हैं। उदयपुर में तो दो दिन पहले हुई सभा ने पूरे शहर को मुसीबत में डाल दिया था। शक्ति प्रदर्शन के बहाने भाजपा ने शहर को ऐसे जाम में झोंका कि लोग उससे अबतक कराहते नजर आ रहे हैं। इस रैली के बाद से पुलिस-प्रशासन शहर को जाम से मुक्त करने के लिए नए प्रयोग कर रहा है, जो दर्द को कम करने की बजाय बढ़ा रहा है।
उधर, कांग्रेस भी अब धीरे-धीरे चुनावी मोड में आती दिख रही है। चार साल के कार्यकाल की उपलब्धियां बताने के लिए उदयपुर संभाग के सभी जिला मुख्यालयों पर आयोजन किए गए। बेटियों को स्कूटी बांटी गई। पुस्तिका का विमोचन हुआ और प्रदर्शनी लगाई, लेकिन यह सब जनता को छोड़ सरकारी कार्यालयों में सिमट कर रह गया। उद्देश्य था जनता के बीच उपलब्धियों को ले जाना, जो कहीं से भी पूरा होता नहीं दिखाई दिया। उधर, एक बार फिर कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने हाईकमान तक अपनी पहुंच का अहसास कराया है। पार्टी ने उन्हें हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत हिमाचल प्रदेश का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
Published on:
29 Dec 2022 06:17 pm
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