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Rajasthan News: राज्य में सरकार द्वारा सीधे या सोसाइटी के जरिए चलाए जा रहे मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर सहित चिकित्सक शिक्षकों के विभिन्न स्तर के 40 फीसदी पद खाली हैं। हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह में रोडमैप तलब कर पूछा है कि इन पदों को कब और कैसे भरा जाएगा? साथ ही, कहा कि भर्ती पर अदालती रोक है तो उसकी जानकारी दी जाए, जिससे पद भरने का रास्ता साफ हो सके। अब चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव ने न्यायाधीश आनंद शर्मा की खंडपीठ ने महेन्द्र गौड़ की करीब 13 वर्ष से लंबित जनहित याचिका पर यह आदेश दिया।
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने हलफनामे के माध्यम से प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर सहित चिकित्सक शिक्षक के विभिन्न स्तर के पदों की जानकारी पेश की। इनमें अलवर में चल रहे केन्द्र सरकार के ईएसआइ मेडिकल कॉलेज, राज्य सरकार के 6, सोसाइटी के जरिए संचालित 22 और 12 निजी मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। हलफनामे से सामने आया कि निजी मेडिकल कॉलेजों में पद भरे हुए हैं। जबकि सरकार से संबंधित कॉलेजों में 40 फीसदी से अधिक पद खाली हैं।
इस पर याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि इन कॉलेजों में उन डॉक्टरों को तैयार किया जा रहा है, जो इंसानों का इलाज करेंगे। इस तरह तैयार डॉक्टर तो घातक होंगे। राज्य सरकार को ऐसा कोई विशेषाधिकार नहीं है, जिससे वह कम चिकित्सक शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाई करवा सके। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में पद भरे होने चाहिए, पद खाली होने से गुणवत्ता प्रभावित होती है। सीट के अनुसार चिकित्सक शिक्षकों की संख्या निर्धारित की गई है, जिससे स्पष्ट है कि पद भरे नहीं होंगे तो मेडिकल कॉलेज में शिक्षा प्रभावित होगी।
चिकित्सा शिक्षा के अधीन 6 मेडिकल कॉलेज- दो हजार 400 से अधिक पद, जिनमें से 950 से अधिक खाली।
ईएसआइ मेडिकल कॉलेज, अलवर-94 पद, जिनमें से 72 पद खाली
राजमेस की ओर से संचालित 22 मेडिकल कॉलेज- दो हजार 700 से अधिक पद, जिनमें से 1063 खाली।
12 निजी मेडिकल कॉलेज- न्यूनतम 1963 शिक्षक आवश्यक, कार्यरत 2600।
Published on:
15 Apr 2025 08:04 am
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