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पैदावार बढ़ने से आलू के दाम जमीन पर, लोगों को राहत… मुश्किल में किसान

पिछले साल आम लोगों की जेब ढीली करने वाला आलू अब खरीदार का इंतजार कर रहा है। महीने भर में दाम घटकर आधे से भी कम रह गए हैं।

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पैदावार बढ़ने से आलू के दाम जमीन पर, लोगों को राहत... मुश्किल में किसान

पैदावार बढ़ने से आलू के दाम जमीन पर, लोगों को राहत... मुश्किल में किसान

पिछले साल आम लोगों की जेब ढीली करने वाला आलू अब खरीदार का इंतजार कर रहा है। महीने भर में दाम घटकर आधे से भी कम रह गए हैं। जयपुर मंडी में आलू के थोक दाम 5 से 8 रुपए प्रति किलो तक आ गए है। खुदरा बाजार में इसके दाम 10 से 12 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे है। इससे आम लोगों को जरूर राहत मिली है लेकिन, अब किसानों की मुसीबत बढ़ गई है। नई फसल की आवक के दबाव में आलू के दाम काफी गिर चुके हैं और किसानों की लागत निकलना मुश्किल हो रहा है। आलू कारोबारियों का कहना है कि दाम घटने की वजह इसके उत्पादन में बढ़ोतरी होना है। इस समय मंडियों में जल्द आने वाली आलू की फसल की आवक हो रही है और जिसे कच्चा आलू कहते हैं। मंडियों में दाम गिरने से खुदरा बाजार में भी आलू सस्ता हुआ है।

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दाम घटकर आधे से भी कम रह गए

जयपुर मुहाना आलू आढ़तिया संघ के अध्यक्ष मदनलाल शर्मा का कहना है कि नये आलू के दाम लगातार गिर रहे हैं, क्योंकि आलू का उत्पादन ज्यादा है। महीने भर में आलू के दाम घटकर आधे से भी कम रह गए हैं। किसानों को 500 से 800 रुपए क्विंटल भाव मिल रहा है। इस भाव पर तो लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।किसानों को आलू की कीमत कम से कम 10 से 12 रुपये किलो मिलनी ही चाहिए, तभी उन्हें कुछ फायदा होगा। अभी ज्यादातर उस नये आलू की आवक हो रही है जिसकी फसल जल्दी आती है और इसका छिलका पतला होता है। इसे कच्चे आलू के नाम से जाना जाता है। इसे ज्यादा दिनों तक रख नहीं सकते हैं। इसलिए किसानों द्वारा इसे जल्दबाजी में बेचा जाता है। लिहाजा आलू के दाम तेजी से गिर रहे हैं। कोल्ड स्टोर में जाने वाले नये आलू की आवक अगले 10 से 12 दिनों में जोर पकड़ने लगेगी।

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आलू उत्पादन 15 से 20 फीसदी बढ़ने का अनुमान

पिछले साल किसानों को आलू के दाम अच्छे मिले थे, जिससे उन्होंने आलू की बुवाई 15 से 20 फीसदी ज्यादा की है। इसके साथ ही अब मौसम भी आलू की फसल के अनुकूल रहा है। लिहाजा इस साल अब तक की परिस्थितियों को देखते हुए आलू का उत्पादन 20 से 30 फीसदी बढ़ने की संभावना है। इस साल 600 लाख टन से ज्यादा आलू पैदा होने का अनुमान है। जो अब तक की रिकॉर्ड पैदावार है। राजस्थान में मुख्यत: भरतपुर और धौलपुर में आलू की पैदावार होती है।