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युवा पीढ़ी को मोहन से ‘महात्मा’ बनने की यात्रा दिखाता है प्रतीक अभिनीत ‘मोहन का मसाला’

prateekमनोज शाह निर्देशित नाटक को दर्शकों ने स्टैडिंग ओवेशन

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जयपुर

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Ravi Sharma

Sep 23, 2023

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जयपुर. ‘गांधी, महात्मा तो बन गए लेकिन इन सब में वह ‘मोहनिया’ पीछे छूट गया, जिसे इसका वास्तविक श्रेय जाना चाहिए था, क्योंकि अनुभव के रूप में जीवन के हर कड़वे घूंट को तो उसी ने पीया था।’ बॉलीवुड एक्टर और गुजराती थियेटर आर्टिस्ट प्रतीक गांधी के बोले इस संवाद ने मोहनदास करमचंद गांधी में छुपे उस मासूम मोहनिया के दर्द को बयां किया, जिसे हम बापू, राष्ट्रपिता, महात्मा और न जाने किन-किन उपमाओं से बुलाते हैं। शुक्रवार को जेएलएन रोड ओटीएस चौराहे स्थित हरीशचंद्र माथुर राजस्थान स्टेट इंस्टीटॺूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के नेहरू सभागार में मनोज शाह निर्देशित और ईशान दोशी लिखित नाटक ‘मोहन का मसाला’ मंचित हुआ। मोनोलॉग की शक्ल में नाटक दर्शकों खासकर युवाओं को बापू के अनछुए पहलुओं से नए अंदाज में परिचित करवाता है।

जन्म से नहीं कर्म से बने महात्मा: प्रतीक

प्लस से हुई खास बातचीत में प्रतीक ने बताया,‘यह नाटक सात साल से कर रहा हूं। 2016 में इसका पहला स्टेज परफॉर्मेंस हुआ था। इस नाटक में गांधी जी की भूमिका निभाने के लिए मेरे दिमाग में जो पहला थॉट आया, वह यह था कि हमारी पूरी पीढ़ी ने यह मान लिया है कि गांधी जन्म से ही महात्मा थे, लेकिन हम यह भुला देते हैं कि गांधी के ‘मोहन से महात्मा’ बनने का उनका सफर बहुत चुनौतियों से होकर गुजरा है। उस विचार को हमने इस नाटक में अलग तरीके से पेश किया है। बचपन से मैंने बहुत सारे गांधीवादी विचारकों को देखा है। अपने विचारों की शक्ति और दृढ़ से कोई भी व्यक्ति गांधी बन सकता है, यह वन लाइनर इस प्ले का मुख्य विचार है। ईश्वर ने हम सबको एक समान संभावनाओं के साथ पैदा किया है, कौन-कहां तक पहुंचता है, यही हमारी कर्म यात्रा है

मंच पर ‘मोहन’ में बदल गए ‘गांधी’

प्रतीक गांधी जैसे ही मंच पर आते हैं, वह दर्शकों को अपने हाव-भाव, संवाद अदायगी, खड़े होने के स्टाइल,दर्शकाें के साथ सीधे संवाद करने की अपनी काबिलियत से इस बात का यकीन दिला देते हैं कि वह ही मोहनदास करमचंद गांधी हैं। प्रतीक जिस खूबी से ‘मोहनिया’ में खुद को तब्दील करते हैं, वह एक मोनोलॉग नाटक के रूप में दर्शनीय है। नाटक में दिखाया कि युवा ‘मोहन’ अपनी डायरी ढूंढ रहे हैं, जिसमें उनके जीवन की अनवरत यात्रा के दौरान अलग-अलग लोगों से मिली सीख के मसाले ने वह रेसिपी तैयार की जिससे कोई भी सामान्य व्यक्ति