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गुड न्यूज: राजस्थान की धरा उगलेगी सोना, राजस्व व रोजगार का खुलेगा पिटारा

राज्य की भजनलाल सरकार एक नया इतिहास रचने जा रही है। बांसवाड़ा के भूकिया जगपुरा में प्रदेश की पहली सोने की खानों की नीलामी की युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है।

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Preparation for auction of two gold mines in Rajasthan

जयपुर। राज्य की भजनलाल सरकार एक नया इतिहास रचने जा रही है। बांसवाड़ा के भूकिया जगपुरा में प्रदेश की पहली सोने की खानों की नीलामी की युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। सोने की दो खानों की ई-नीलामी की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के साथ ही करीब एक माह में ऑक्शन के लिए भारत सरकार के ई पोर्टल पर निविदा जारी कर दी जाएगी।

यहां सोने के विपुल भण्डार
खान सचिव आनन्दी ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूकिया-जगपुरा के 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सोने के विपुल भण्डार हैं। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भू-वैज्ञानिकों द्वारा इस क्षेत्र में तांबें की खोज के लिए किए जा रहे एक्सप्लोरेशन के दौरान यहां पहली बार स्वर्ण के संकेत देखे गए। इस क्षेत्र में व्यापक एक्सप्लोरेशन के बाद 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आकलन किया गया है जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है।

यहां स्वर्ण अयस्क के खनन के दौरान एक मोटे अनुमान के अनुसार एक लाख 74 हजार टन से अधिक कॉपर, 9700 टन से अधिक निकल और 13500 टन से अधिक कोबाल्ट खनिज प्राप्त होगा। राज्य सरकार के राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट आरएसएमईटी द्वारा ऑक्शन के लिए दोनों ब्लॉक को अंतिम रुप दिया जा रहा है।

सोने की खान से यह होगा फायदा
भूकिया जगपुरा में गोल्ड की इन खानों से सोने के साथ ही प्रचुर मात्रा में कॉपर, निकल और कोबाल्ट खनिज प्राप्त होगा। इससे देश और प्रदेश में इलेक्ट्रोनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अप्रत्याशित अवसर विकसित होंगे। कॉपर इण्डस्ट्रीज के साथ ही कॉपर का इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ेगी।

वहीं निकल से बैटरी उद्योग, सिक्कों की ढ़लाई, इलेक्ट्रोनिक उद्योग आदि को बूम मिलेगा। कोबाल्ट एयर बैग, पेट्रोकेमिकल उद्योग आदि में उपयोग आ सकेगा और इनके कच्चे माल की आपूर्ति के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी। प्रदेश में कॉपर, निकल, कोबाल्ट से जुड़ी इण्डस्ट्रीज के नए निवेश से राजस्व और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के विपुल अवसर विकसित होंगे। राजस्थान में देश के करीब 25 प्रतिशत स्वर्ण भण्डार माने जा रहे हैं।