जयपुर. गणेश चतुर्थी पर पूजा के लिए अधिकांश जगह काली मिट्टी, चिकनी मिट्टी, खडि़या मिट्टी से गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही है। जो कि विसर्जन के दौरान मिट्टी में मिल जाती है। इससे पर्यावरण को भी किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता, पहले प्रतिमाएं प्लास्टिक और पेरिस से बनाई जाती थी जो की पानी में घुलनशील नहीं होने के कारण जीव जंतुओं को भी नुकसान पहुंचाती थी। जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर कई गणेश प्रतिमाएं हैं। इन प्रतिमाओं को महिला कारीगर अंतिम रूप देती नजर आई।