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अप्रेल आया, चिंता लाया, निजी स्कूलों ने बढ़ाई फीस तो अभिभावकों के छूटे पसीने

Jaipur Private school fees hike:स्कूलों ने नया फीस स्लैब जारी कर दिया है

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जयपुर

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Alfiya Khan

Mar 20, 2025

FILE PHOTO

जयपुर। अप्रेल शुरू हो गया है। इसी के साथ घर-घर एक ही चिंता का विषय बना हुआ है। स्कूल ने फिर फीस बढ़ा दी। जयपुर के निजी स्कूलों की मनमानी बेलगाम हो रही है। हर साल स्कूल फीस में 15 से 20 फीसदी बढ़ोतरी कर रहे हैं। इस बार नया सत्र शुरू होने वाला है। स्कूलों ने नया फीस स्लैब जारी कर दिया है। फीस में बढ़ोतरी देख अभिभावकों का विरोध भी शुरू हो गया है।

अनुमानित तौर पर देखें तो बड़े स्कूलों की फीस में 20 से 25 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में अभिभावक अब फीस भरने की जुगाड़ में जुट गए हैं। वहीं, दूसरी ओर सीमित आय और पढ़ाई का खर्चा बढ़ने से घर का बजट बिगड़ रहा है। शहर में करीब 40 से अधिक बड़े स्कूल हैं, इनमें पढ़ने वाले करीब डेढ़ लाख बच्चों के घर फीस बढ़ोतरी से प्रभावित हो रहे हैं। सरकार ने निजी स्कूलों की फीस पर लगाम कसने के लिए फीस एक्ट 2017 लागू कर रखा है। लेकिन इस एक्ट के तहत स्कूलों पर कार्रवाई नहीं की जाती।

यों बढ़ा अभिभावकों पर भार

वैशाली नगर निवासी एक अभिभावक के दो बेटे अजमेर रोड स्थित निजी स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल ने इस सत्र में 12 फीसदी तक फीस में बढ़ोतरी की है। ऐसे में एक बेटे की सालाना फीस में आठ हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। उनके ऊपर दोनों बेटों का 16 हजार रुपए अतिरिक्त भार पड़ेगा।

मान्यावास के एक अभिभावक का बेटा मानसरोवर के स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता है। स्कूल की फीस में करीब 10 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में उनके बेटे की फीस में करीब 15 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है।

ये हाल कमेटियों की 6 साल से जांच तक नहीं

स्कूल में पीटीए (पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन) का गठन नियमानुसार नहीं किया गया। ऐसे में फीस बढ़ोतरी भी सही नहीं है। सवाल उठता है कि फीस एक्ट 2017 बनने के बाद आज तक शिक्षा विभाग ने एक भी स्कूल में कमेटी की जांच नहीं की। हकीकत है कि स्कूलों में पीटीए (पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन) का गठन ही नहीं है। बिना कमेटी ही फीस बढ़ोतरी की जा रही है।

अधिकतर निजी स्कूलों ने फीस बढ़ाकर अभिभावकों पर आर्थिक दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इससे हर घर में अभिभावक मानसिक तनाव में हैं। एडमिशन फीस में से भी 10 हजार रुपए तक बढ़ा दिए। सरकार फीस एक्ट की पालना कराए।
-अभिषेक जैन, प्रवक्ता संयुक्त अभिभावक संघ

निजी स्कूलों ने अभिभावकों को कमाई का जरिया बना रखा है। स्कूल फीस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक की पालना सरकार नहीं करवा पाई। फर्जी स्कूल लेवल फीस कमेटी का गठन कर हर साल फीस बढ़ाई जा रही है।
-दिनेश कांवट, अध्यक्ष, पेरेंट्स वेलफेयर सोसायटी

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