scriptजयपुर के प्रोफेसर शर्मा बने फ्लेमिश यूनिवर्सिटीज के इंटरनेशनल रिसर्च सलाहाकार आयोग के सदस्य | Prof. Sharma became Flemish Universities member of the IRA commission | Patrika News

जयपुर के प्रोफेसर शर्मा बने फ्लेमिश यूनिवर्सिटीज के इंटरनेशनल रिसर्च सलाहाकार आयोग के सदस्य

locationजयपुरPublished: Apr 14, 2018 06:30:29 pm

Submitted by:

rohit sharma

जयपुर के प्रोफेसर शर्मा बने फ्लेमिश यूनिवर्सिटीज के इंटरनेशनल रिसर्च सलाहाकार आयोग के सदस्य
 

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जयपुर

धौलपुर जिले के समोना गांव में जन्मे हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त सूचना तकनीकी प्रोफेसर डी पी शर्मा को फ़्लैंडर्स (बेल्जियम) के फ्लेमिश विश्वविध्यालयों के द्वारा संचालित विश्वव्यापी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा एवं तकनीकी कार्यक्रम वलरोउस इंस्टीटूशनल यूनिवर्सिटी कोलैबोरेशन के लिए इंटरनेशनल डाक्टरल रिसर्च सलाहाकार आयोग का माननीय सदस्य नियुक्त किया गया। प्रो. शर्मा उक्त प्रोग्राम के तहत एजुकेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट इम्प्रूविंग टीचिंग एंड रिसर्च प्रोसेस ऑफ़ एमयू बाय एन्हान्सिंग आईसीटी एंड लाइब्रेरी ऑटोमेशन से पिछले दो साल से जुड़े हुए थे।
बेल्जियम सरकार एवम फ़्लेमिश यूनिवर्सिटीज द्वारा संयुक्त रूप से चलाये जा रहे इस इंटरनेशनल प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य इंटरनेशनल लेवल पर शेयरिंग माइंडस,चेंजिंग लाइफ़स है। इसे इंटरनेशनल कोलैबोरेशन के साथ विभिन्न देशों में चलाया जा रहा है। इस प्रोग्राम के तहत विश्व के टैलेंटेड अभ्यर्थियों को रिसर्च करने के लिए के लिए यूरोप की बेल्जियम, फ़्लेमिश यूनिवर्सिटीज में प्रवेश दिया जाता है। दुनियां के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त टैलेंटेड प्रोफेसर्स को बेल्जियम के फ्लेमिश विश्वविद्यालय डॉक्टरल रिसर्च सलाहाकार आयोग मनोनीत करते हैं जिनका कार्यकाल 3 से 5 वर्ष का होता है। प्रोफेसर शर्मा को प्रथम चरण में विरजे यूनिवर्सिटी ब्रूसेल (बेल्जियम) में डॉक्टोरल रिसर्च एडवाइजरी कमीशन का माननीय सदस्य नियुक्त किया गया।
विश्व के प्रोफेसर्स के लिए यह पद बड़े सम्मान अवार्ड रेकग्निसिशन के रूप में होता है जिसमें वे समय समय अपने मूल पद के आलावा साल में 2 – 3 बार विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित रिसर्च कार्यक्रमों जैसे डॉक्टोरल एडवाइजरी कमीशन फॉर न्यू प्रोजेक्ट, न्यू रिसर्च प्रपोजल डिफेंस एंड ऍप्रूवल, रिसर्च प्रोजेक्ट प्रोग्रेस रिव्यु एवम डाक्टरल रिसर्च
फाइनल डिफेंस इत्यादि में अपनी विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करते हैं।
प्रो. डी पी शर्मा अब तक के इतिहास में पहले राजस्थानी हैं, ग्रामीण परिवेश में हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त प्रोफ शर्मा के पिता एक प्राथमिक शिक्षित किसान थे। शारीरिक रूप से दिव्यांग डॉ शर्मा पिछले 10 साल से यूनाइटेड नेशंस के विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर प्रोफेसर, रिसर्च एडवाइजर एवं इंटरनेशनल परामर्शक सलाहाकार के रूप में अपनी सेवाएं विभिन्न देशों में दे रहे हैं। अभी हाल में उन्हें साइबर स्पेस में शांति के लिए किये गए अवेयरनेस कार्यक्रमों के लिए पीस एम्बेसडर इंटरनेशनल अवार्ड ( शांतिदूत) -2018 एवम माइंड ऑफ़ स्टील एजुकेशन टेक्नोलॉजी के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट्स इंटरनेशनल अवार्ड (सरदार रत्न )- 2016 से भी सम्मानित किया गया। अनेकों इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की पुस्तकों के लेखक, विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों के फ़्रीलांस सेलिब्रिटी कॉलमनिस्ट प्रोफ शर्मा को इससे पूर्व लगभग 47 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। प्रो. शर्मा यूनाइटेड नेशन्स की इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाइजेशन के सलाहाकार के रूप में भी अपनी विश्वव्यापी सेवाएं दे रहे हैं।
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