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जनता को तमाम जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताः गहलोत

सभी विभागों को 2 अक्टूबर तक समस्त योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारियां जन सूचना पोर्टल पर साझा करने के निर्देश,सूचना तकनीक का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री ने डेढ़ साल में ली 500 से ज्यादा बैठकें

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ashok gehlot

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जयपुर। लोगों को घर बैठे सूचना तकनीक के जरिए तमाम जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध कराने और सारे विभागों की सूचनाएं आमजन तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को आदेश दिए हैं वे 2 अक्टूबर तक अपनी समस्त योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारियां जन सूचना पोर्टल पर साझा करें, आईटी का इस्तेमाल कर पारदर्शिता और सुशासन के लिए ऐसी पहल करने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को अपने निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को समस्त जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने विभाग की योजनाओं, कार्यक्रमों एवं बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं और विद्यार्थियों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए शैक्षिक संभाग स्तर पर इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित किए जाएं और स्कूल स्तर तक स्टार्टअप्स गतिविधियों को प्रोत्साहन दिया जाए।


राज्य सरकार स्टार्टअप्स गतिविधियों को प्राथमिकता दे रही है, लेकिन ऎसे कार्यक्रम अभी बड़े शहरों तक सीमित है। इसलिए आई-स्टार्ट की तर्ज पर रूरल आई-स्टार्ट कार्यक्रम शुरू करें और राज्य सरकार की ओर से खोले गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के विद्यार्थियों, ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों, इनोवेटर्स, ग्रामीण उद्यमियों आदि को इनसे विशेष तौर पर जोडें।

डेढ़ साल में वीसी के जरिए 500 बैठकें
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता ने बताया कि बीते डेढ़ साल में कोविड के दौरान मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 500 से अधिक बैठकों का आयोजन किया गया। अहम सूचनाओं, दिशा-निर्देशों तथा कोविड प्रबंधन में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए देश-विदेश में बसे प्रवासी राजस्थानियों और विशिष्टजनों को जोड़ने के साथ-साथ राजधानी से लेकर जिला और गांव-ढाणी स्तर तक वीसी के जरिए लगभग 6500 बैठकों और संवाद कार्यक्रमों का आयोजन भी आईटी के जरिए किया गया।

संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए संक्रमितों की भर्ती, होम क्वारेंटाइन सुविधाओं, प्रवासियों के आवागमन, मजदूरों के रजिस्ट्रेशन, जरूरतमंद परिवारों एवं व्यक्तियों की आर्थिक मदद के लिए बैंक खातों में नकद राशि के हस्तान्तरण, रोगियों-संक्रमितों के लिए हेल्पलाइन जैसे अतिआवश्यक कार्यों को भी अंजाम दिया गया।