
बोतल पर होगा क्यूआर कोड, स्कैन कर देख सकेंगे शराब असली है या नकली।
झुंझुनूं। राज्य सरकार (State government) ने शराब तस्करी और ब्लैक (Alcohol smuggling and black) करने पर रोकथाम के लिए नई आबकारी नीति (Excise Policy) में कई कदम उठाए हैं। ट्रेक एंड ट्रेस सिस्टम (Track and trace system) लागू होगा, जिसके तहत शराब की बोतलों (Wine bottles) पर होलोग्राम (Hologram) के साथ क्यूआर कोड (QR code) होगा, जिससे ग्राहक एप से स्कैन कर असली-नकली व कीमत का पता कर सकेगा। अब ठेकेदार प्रिंट दर से ज्यादा राशि भी नहीं ले सकेंगे, क्योंकि हर ग्राहक को अब पोश मशीन से बिल देना अनिवार्य होगा। बिल में राशि लिखी हुई आने के कारण वे प्रिंट दर से ज्यादा राशि नहीं ले सकेंगे। यह नीति एक अप्रेल 2020 से लागू हो जाएगी।
नई आबकारी नीति में अवैध शराब के बेचान पर अंकुश लगाने के लिए ट्रेक और ट्रेस सिस्टम लागू किया गया है। जिसके तहत प्रत्येक शराब के पव्वे से लेकर बोतल पर क्यूआर कोड होगा, जिसे स्कैन कर ग्राहक देख सकते हैं कि शराब असली है या नकली। क्योंकि नकली होने पर कोड स्कैन ही नहीं होगा। नई नीति में राजस्थान मैक लीटर ब्रांड के नाम से देशी शराब ठेकों पर सस्ती अंग्रेजी शराब बेचे जाने की अनिर्वायता को लागू किया गया है। ऐसे सस्ती दर पर अंग्रेजी शराब देशी शराब की दुकानों पर मिलने लग जाएगी तो वे नकली शराब नहीं खरीदेंगे।
सरकार ने यह भी तय किया है कि राज्य की सभी देशी शराब की दुकानों पर व्हिस्की से निर्मित आरएमएल ब्रांड की 30 प्रतिशत शराब बेचना जरूरी होगा। इस शराब को निजी कंपनी बना कर सरकार को सप्लाई करेगी। देशी शराब की दुकानों से 43 फीसदी गंगानगर शुगर मिल की देशी मदिरा बेचने की अनिवार्यता पहले से लागू है और अब उठाई गई कुल शराब में से 73 फीसदी शराब सरकार की बेचनी होगी। ऐसे में ठेकेदारों को यह भी डर सता रहा है कि अन्य निजी कंपनियों की देशी शराब बेचना मुश्किल हो जाएगा।
8 मार्च को निकलेगी लॉटरी
आबकारी विभाग की ओर से जिले के 270 शराब समूहों के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। इनमें 319 देशी की दुकानें व 16 की अंग्रेजी दुकानें शामिल हैं। ऑनलाइन आवेदन 27 मार्च तक लिए जाएंगे। आठ मार्च को लॉटरी निकाली जाएगी।
ट्रेक एंड ट्रेस सिस्टम लागू होगा
नई नीति में ट्रेक एंड ट्रेस सिस्टम लागू किया या है। जिसके तहत शराब की बोतलों पर होलोग्राम के साथ क्यूआर कोड होगा। जिससे ग्राहक एप से स्कैन कर असली-नकली व कीमत का पता कर सकता है। शराब ठेकेदारों को पीओएस मशीन से बिल देना अनिवार्य होगा।
-नूर मोहम्मद, जिला आबकारी अधिकारी (झुंझुनूं)
Published on:
18 Feb 2020 12:12 am
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