16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विधानसभा में भाटी बोले- ‘बड़ी अटैची लाने वाले बनते हैं कुलपति’, कांग्रेस ने किया हंगामा; MLA ने कहा- सरकार सिर्फ नाम बदलने में लगी है

Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में राजस्थान विश्वविद्यालयों की विधियां संशोधन विधेयक-2025 पर चर्चा के दौरान कई विधायकों ने कुलपति की नियुक्तियों को लेकर सरकार से कड़े सवाल किए।

3 min read
Google source verification
Ravindra Bhati and Harimohan Sharma

Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में राजस्थान विश्वविद्यालयों की विधियां संशोधन विधेयक-2025 पर चर्चा के दौरान कई विधायकों ने कुलपति की नियुक्तियों को लेकर सरकार से कड़े सवाल किए। निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कुलपति नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि जो जितनी बड़ी अटैची देता है, उसे कुलपति बना दिया जाता है।

रविंद्र भाटी ने कहा कि अगर विश्वविद्यालयों की यह स्थिति बनी रही तो उच्च शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि खाली पड़े प्रोफेसर पदों को जल्द भरा जाए और विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता लाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।

'बड़ी अटैची लाने वाले बनते हैं कुलपति'- भाटी

बहस के दौरान निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कुलपति नियुक्तियों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में विश्वविद्यालयों की हालत दयनीय होती जा रही है और योग्य शिक्षाविदों को कुलपति बनने का मौका नहीं मिल रहा। भाटी ने कहा कि आज कुलपति कैसे बनाए जाते हैं? जो बड़ी अटैची लाता है, उसे कुलपति बना दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे लोग इस पद के लायक नहीं हैं। कुलपति और रजिस्ट्रार को केवल अपना कार्यकाल निकालना होता है। वे तीन साल में पैसा इकट्ठा करने की जुगत में रहते हैं, जिससे शिक्षा प्रणाली को भारी नुकसान हो रहा है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति को खत्म किया जा रहा है और यह हम 200 विधायक ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि मंत्री विश्वविद्यालयों के दौरे करें, सर्किट हाउस में रुकने की बजाय कुलपति और छात्रों के साथ बैठक करें, विश्वविद्यालयों को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएं।

भाटी ने सवाल उठाया कि हमारे विश्वविद्यालयों को कौन बचाएगा? क्या सरकार केवल नाम बदलकर शिक्षा व्यवस्था सुधारने का ढोंग कर रही है? यदि ऐसा ही चलता रहा, तो आने वाली पीढ़ी का क्या होगा? उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मंत्री सर्किट हाउस में रुकने की बजाय विश्वविद्यालयों का दौरा करें और कुलपतियों के साथ बैठकर शैक्षणिक सुधारों पर चर्चा करें।

सुभाष गर्ग ने नाम बदलने पर उठाया सवाल

बहस में भाग लेते हुए विधायक डॉ. सुभाष गर्ग ने 'कुलपति' का नाम बदलकर 'कुलगुरु' करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार केवल नाम बदलने की राजनीति कर रही है, जबकि शिक्षा प्रणाली में कोई सुधार नहीं किया जा रहा। गर्ग ने सुझाव दिया कि यदि कुलपति को कुलगुरु कहा जाएगा, तो फिर विश्वविद्यालयों के नाम में भी बदलाव कर उन्हें 'गुरुकुल' कहा जाना चाहिए। कुलपति की जगह कुलगुरु करने का क्या औचित्य है?

उन्होंने पूछा कि राजस्थान के शिक्षाविदों को कुलपति बनने के अवसर क्यों नहीं मिल रहे? विश्वविद्यालयों की दशा सुधारने के लिए शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की जरूरत है। उन्होंने यह भी मांग की कि "कुलगुरु की योग्यता को स्पष्ट किया जाए और उनकी नियुक्तियों में पारदर्शिता लाई जाए।

यह भी पढ़ें : ‘डोटासरा को टारगेट बनाकर बहस करवाई गई’, लंबे समय बाद विधानसभा पहुंचे अशोक गहलोत, बोले- सरकार में अनुभव की कमी

सरकार सिर्फ नाम बदलने में लगी है- कांग्रेस MLA

राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार केवल नाम बदलने में लगी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले पन्नाधाय योजना, मुख्यमंत्री संबल योजना जैसी योजनाओं के नाम बदले और अब विश्वविद्यालयों में कुलपति का नाम बदल रही है, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होगा।

हरिमोहन शर्मा ने कहा कि सरकार सिर्फ नाम बदलकर जनता को भ्रमित कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर शिक्षा की स्थिति जस की तस बनी हुई है। क्या केवल नाम बदलने से विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार आ जाएगा?

इस पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने हरिमोहन शर्मा को टोका और कहा कि आप विश्वविद्यालयों के नाम परिवर्तन पर बात करें, न कि सरकार की अन्य योजनाओं पर। इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने हस्तक्षेप किया और कहा कि हम नाम परिवर्तन पर ही बोल रहे हैं, इसमें गलत क्या है?

यहां देखें वीडियो-