आपको पता होना चाहिए कि आपकी देह में चल क्या रहा है। अपनी सांसों पर ध्यान दीजिए। दिन भर में कुछ समय ध्यान के लिए निकालिए, यह आपके पूरे दिन को गर्मजोशी से भरा रख सकता है। इससे आपकी एकाग्रता बढ़ेगी।
सामने वाले की बात सुनने से पहले ही अपनी बात कहने की जल्दबाजी किसी को भी बैचेन बनाए रखती है। इससे उस क्षण का आनंद भी छूट जाता है जो मौजूदा वक्त आपके पास है। ऐसे में उसे याद रखना भी मुश्किल है। याद रखिए, बोलना सोना है तो चुप रहना चांदी है। समझदार वाली चुप्पी को अपनाइए।
चार्ट बनाइए
दो चार्ट बनाइए, पहला यह कि आप अपने चौबीस घंटे कैसे बिताना चाहते हैं और दूसरा यह कि आप उन्हें बिता कैसे रहे हैं। वास्तव में आपको अपने समय नियोजन पर पूरा ध्यान देना चाहिए। इसके अभाव में कामों को लेकर बैचेनी घर कर सकती है।
आप जैसा खाएंगे, आपके विचार भी वैसे ही होंगे। टीवी के सामने बैठे चिप्स खाना भले ही आपको सुहाता हो लेकिन यह तय मानिए कि यह आपके मस्तिष्क में उत्तेजना ही भरेगा। अगर आपका लक्ष्य अपने मस्तिष्क को शांत रखना है तो आपके भोजन को भी सौम्य होना चाहिए।
कई लोग तब तक बर्नआउट स्वीकार नहीं करते हैं जब तक कि वे पूरी तरह से जल न जाएं। दूसरे शब्दों में थकने से पहले आराम करें।लक्षणों में भावनात्मक थकावट, व्यक्तिगत उपलब्धि की भावना की कमी, उत्तेजना की कमी और जलन का व्यापक मूड शामिल हो सकता है।