
जयपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर नई मुसिबत में फंसते नजर आ रहे है। राजधानी जयपुर की एक निचली अदालत ने प्रधानमंत्री मोदी पर जातिगत टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद पर शास्त्री नगर थाने से 26 फरवरी तक रिपोर्ट तलब की है। महानगर मजिस्ट्रेट क्रमांक—11, जयपुर महानगर-द्वितीय ने विजय कलंदर के परिवाद पर यह कार्यवाही की है।
परिवाद में कहा गया कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी ने पीएम मोदी के जन्म से ओबीसी नहीं होने की बात कही। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि गुजरात की भाजपा सरकार की ओर से किए गए प्रावधान से मोदी ओबीसी के दायरे में आए। परिवाद में कहा कि राहुल गांधी का ऐसा बयान देश में अशांति पैदा करने वाला है। उनकी टिप्पणी से परिवादी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है।
परिवाद में यह भी कहा गया कि सार्वजनिक तौर पर राहुल गांधी खुद को कश्मीरी कौल पंडित बताते हैं, लेकिन उनके दादा फिरोज गांधी गैर हिन्दू परिवार से थे। कोर्ट पूर्व में कई फैसलों में कह चुकी है कि पिता की जाति ही उसके बच्चे की जाति होगी। जाति जन्म से होती है और उसे बदला नहीं जा सकता है। ऐसे में उन्होंने खुद की जाति छिपाकर बयान दिया है, जिससे परिवादी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
बता दें कि राहुल गांधी को ऐसे ही एक मामले में पहले भी दो साल की सजा सुनाई जा चुकी है। गुजरात के सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी करने के लिए दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने साल 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक में आयोजित एक सभा में मोदी सरनेम पर बयान दिया था।
इस पर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। इस मामले में पिछले साल 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। ऐसे में राहुल की संसद सदस्यता भी चली गई थी। हालांकि, चार महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी थी और उनकी संसद सदस्यता बहाल करने के आदेश दिए थे।
Published on:
24 Feb 2024 12:25 pm
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