
विकास जैन
जयपुर। मुसाफिर हूं यारों...मुझे चलते जाना है..हिंदी फिल्म का यह गाना भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन यात्रियों पर फिट बैठ रहा है जो राहुल गांधी के साथ कदमताल तो कर रहे हैं, लेकिन उनसे उनकी हर समय दूरी करीब 100 से 200 मीटर दूर रहती है। सुबह से लेकर शाम तक वीवीआईपी हुजूम के बीच इनमें से कई कार्यकर्ता ऐसे हैं, जिनके पास दैनिक दिनचर्या के कामों से लेकर कपड़े बदलने के लिए उनकी धुलाई और अन्य जरूरी कामों की भी परवाह नहीं है।
ऐसे कुछ कार्यकर्ता तो करीब 2000 से 2500 किलोमीटर तक का सफर चंद कपड़ों की जोडि़यों के सहारे ही तय कर चुके हैं। खास बात यह है कि इनमें कई महिला कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
फिर भी मैं चलता जाउंगा....
नितिन गणपत नानूका 42 साल के हैं। महाराष्ट्र निवासी नानूका कन्याकुमारी से साइकिल पर चल रहे हैं और करीब 2500 किलोमीटर तक का सफर तय कर चुके हैं। मंगलवार को पत्रिका संवाददाता से बात करते हुए उन्होंने अपना दर्द बताया। उन्होंने कहा कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आज मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया, बल्कि ने उनके साथ हाथापाई की। यह बात उन्हें अच्छी नहीं लगी। इस व्यवहार पर उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के सिपाही हैं, इसलिए आगे भी बस उन्हें चलते जाना है।
महिला कार्यकर्ता बोलीें..श्रीनगर तक जाने की इच्छा
पाली से महिला पार्षद उमा चौधरी यात्रा के राजस्थान में प्रवेश के बाद से ही साथ चल रही हैं। जयपुर की बेटी और पाली की बहू उमा ने बताया कि परिवार ने उनका साथ दिया तो वह चल पड़ी। अब उनकी इच्छा है कि श्रीनगर तक वे यात्रा के साथ ही चलें। उनके साथ जालोर से आई सुष्मिता गर्ग भी लगातार साथ चल रही है। इतने हुजूम के बीच कोई असहजता नहीं होती..इस सवाल पर वे बोलीं कि उन्हें बस चलते जाना है..इसी उद्देश्य के साथ वे आई हैं।
Published on:
15 Dec 2022 01:45 pm
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