
sachin pilot with ashok gehlot
राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर मची रार का पटाक्षेप करने के लिए कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी जयपुर आ सकते हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा तीन दिन पहले तीन दिसंबर को झालावाड़ जिले में प्रवेश करेगी। भारत जोड़ो यात्रा मार्ग प्रबंधन के लिए राहुल गांधी के प्रतिनिधि सुशांत मिश्रा झालावाड़ पहुंच चुके हैं।
इससे पहले 6 दिसंबर को राजस्थान आने के संकेत मिले थे। इस रूट में जयपुर शामिल नहीं था लेकिन अब राहुल गांधी के जयपुर आने की पूर्ण संभावना है। इस दौरान गहलोत और पायलट एक मंच पर दिखेंगे। राहुल की यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी विभिन्न कालेज और विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं से भी उनकी मुलाकात करवाएगी।
जयपुर से जुड़ी है 06 लोकसभा और 19 विधानसभा
जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, अजमेर, दौसा, अलवर जैसी छह लोकसभा सीटें जुड़ी हुई हैं। 19 विधानसभा सीटें भी हैं। 2023 में राजस्थान में चुनाव होने हैं। दूदू,अजमेर, चौमूं, सीकर, जमवारामगढ़ दौसा, बस्सी दौसा, बानसूर जयपुर ग्रामीण में आती हैं। राहुल गांधी के जयपुर आने पर राजस्थान की करीब 15-20 प्रतिशत सीटों पर असर होने की संभावना है। जयपुर संभाग के हिसाब से अलवर, सीकर, झुंझुनूं, दौसा जिलों की करीब 30 विधानसभा और चार लोकसभा सीटें और कवर होंगी।
गहलोत करेंगे राहुल का स्वागत
राजस्थान-मध्यप्रदेश सीमा पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद यात्रा का स्वागत करेंगे। राज्यों की सीमा पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आएंगे। खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, राजस्व मंत्री रामलाल जाट और राजस्थान पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष धमेंद्र राठौड़ को भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियाें का जिम्मा सौंपा है।
यात्रा में एकजुट या फिर कई गुट
राहुल गांधी की यह यात्रा राजनीतिक दृष्टि से बड़ा संदेश देगी। इसमें गुटबाजी या एकगुट साफ तौर पर दिखाई देगा। 3 दिसंबर से ही यात्रा में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल होंगे। एक महीने पहले ही पायलट ने झालावाड़ क्षेत्र की यात्रा की थी। ऐसे में राहुल की इस यात्रा में पायलट की उपस्थिति रोमांचक रहने वाली है। राजस्थान में जब यात्रा गुजरेगी तब गहलोत और पायलट ही कई स्थानों पर लीड करते हुए नजर आएंगे।
वसुंधरा राजे की गढ़ से कांग्रेस का बिगुल
झालावाड़ भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ है। यहां राजे खुद पांच बार तो उनके पुत्र दुष्यंत चार बार से सांसद हैं। यहीं के झालरापाटन क्षेत्र से लगातार 4 बार से विधायक भी हैं। भाजपा को घिरने के लिए इसी गढ़ का चुना गया है क्योंकि 2009 के चुनाव में यह भी एक ऐसी सीट थी जहां लोकसभा चुनाव कांग्रेस हार गई थी।
Published on:
05 Nov 2022 06:52 pm
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