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राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से क्या मिटेगी गहलोत-पायलट की दूरी?

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के झालावाड़, कोटा, दौसा और अलवर जिले से गुजरेगी। राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अपना कितना असर दिखा पायेगी ये जानना इसलिए जरुरी है क्योंकि राजस्थान का सियासी ड्रामा किसी से भी छुपा नहीं है। सवाल ये है कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे पायलट और अशोक गहलोत की गुत्थी को सुलझा पाएंगे।

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के झालावाड़, कोटा, दौसा और अलवर जिले से होकर गुजरेगी। राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अपना कितना असर दिखा पायेगी यह देखने वाली बात होगी क्योंकि राजस्थान का सियासी घमासान किसी से भी छुपा नहीं है। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे पायलट और अशोक गहलोत की गुत्थी को सुलझा पाएंगे। उनके सामने राजस्थान के सियासी घमासान को सुलझाना एक बड़ी चुनौती है।

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पार्टी को एकजुट रखना भी बड़ी चुनौती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक विपक्षी पार्टियों के मुकाबले कांग्रेस के विधायक और सांसदों ने सबसे ज्यादा पाला बदला है। ऐसे में कांग्रेस को एकजुट रखते हुए अंदरूनी कलह पर काबू पाना होगा। इसके साथ खड़गे पर साल 2024 के चुनाव के लिए पार्टी को तैयार करने और विपक्षी को एकजुट करने की जिम्मेदारी है।

मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच झगड़े को खत्म करने की भी चुनौती होगी। राजस्थान में साल 2023 में विधानसभा चुनाव हैं। इसके साथ पार्टी के अंदर संवाद की प्रक्रिया को बहाल कर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का भरोसा जीतना होगा।

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मुख्यमंत्री की सीट को लेकर चल आपसी कलह को लेकर विपक्ष ने हमेशा कांग्रेस पार्टी को घेरा है और यही कारण है कि राजस्थान के कई जिलों में अभी तक जिला कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है. कांग्रेस में कई वर्षों से जिलाध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के पद खाली हैं। 2023 का चुनाव कैसे और किसके नेतृत्व में लड़ा जायेगा इसका फैसला भी अभी हाईकमान को करना है।