
जयपुर में तेज बारिश। पत्रिका फोटो।
Rajasthan Weather: जयपुर। राजस्थान में इस जुलाई माह के दौरान 285 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो लंबी अवधि के औसत (LPA) से 77% अधिक है। यह पिछले 69 सालों में जुलाई माह की सबसे अधिक बारिश है, जिसने मौसम विभाग को भी हैरान कर दिया।
मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर के अनुसार, इससे पहले जुलाई 1956 में 308 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा था। इस बार की भारी बारिश ने न केवल जल संग्रहण को बढ़ाया, बल्कि कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा की है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 31 जुलाई तक पूर्वी राजस्थान के ऊपरी परिसंचरण तंत्र में नमी की अधिकता के कारण भारी बारिश हुई। जयपुर, बीकानेर, अजमेर, भरतपुर जैसे संभागों में कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना जताई गई। विशेष रूप से बीकानेर संभाग में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की तस्वीर साफ हुई, जिससे अति भारी बारिश से राहत मिलने की प्रबल संभावना है। अगस्त के पहले सप्ताह में भी मौसम का यही रुख बना रहने की संभावना है, हालांकि 2 अगस्त को राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश से राहत मिलने की उम्मीद है।
हालांकि, उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान के भरतपुर और जयपुर संभाग में 3 से 6 अगस्त के दौरान कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इस भारी बारिश ने किसानों के लिए खुशी तो लाई, लेकिन बाढ़ और जलभराव की चुनौतियों को भी बढ़ा दिया है।
मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है। वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगस्त में भी मानसून की सक्रियता बनी रहने की संभावना है, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
इस रिकॉर्ड बारिश ने न केवल जल संकट से निजात दिलाई, बल्कि फसलों के लिए भी लाभकारी साबित हो सकती है, बशर्ते बाढ़ नियंत्रण के उपाय समय पर किए जाएं। राजस्थान के लिए यह जुलाई न केवल बारिश के मामले में यादगार रहा, बल्कि इसके साथ आने वाली चुनौतियों ने भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
Updated on:
31 Jul 2025 11:25 pm
Published on:
31 Jul 2025 11:02 pm
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