खनन क्षेत्र में काम करने में सिद्धहस्त मजदूरों के सामने बड़ी समस्या यह है कि वे इसके अलावा कहीं और कार्य नहीं कर सकते। दूसरी जगह काम पर जाते हैं, तो यहां खान क्षेत्रों में बाद में दूसरे श्रमिकों का जुगाड़ होने पर उन्हें काम मिलना मुश्किल हो सकता है। दूसरी ओर, खदान मालिकों और खनन से जुड़े ठेकेदार भी मुसीबत में है। कारण कि एक बार इधर से पलायन पर उन्हें सिद्धहस्त मजदूर आसानी से नहीं मिल पाते। एेसे में कई खान संचालकों को मजदूर रोकने के लिए बैठे-बैठाए वेतन भी देना पड़ रहा है।
बारिश के सीजन में यह समस्या रहती है। ज्यादा दिक्कत मार्बल क्षेत्र में है। खदानों में भरा पानी अक्सर जमा ही रहता है। पंप लगाकर दूर डंप नहीं करने पर पानी वापस मार्बल खदानों में ही पहुंच जाता हैं। इसलिए बारिश से यह परेशानी रहेगी ही, इसके जल्द निदान के आसार नहीं है। खनन होने पर ही ठेकेदारों से विभाग को बतौर रॉयल्टी करीब 170 लाख प्रतिमाह की आमदनी होती है। बारिश में इन दिनों की यह राशि मिलना मुश्किल है।