-गोविंद मार्ग की कुछ माह पहले ही जेडीए ने मरम्मत करवाई। अब सेठी कॉलोनी के आस-पास मुख्य सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। -पिंक स्क्वॉयर मॉल के सामने वाली सड़क पर तो इतने गड्ढे हो चुके हैं कि वाहन चालक अपना रास्ता बदल लेते हैं।
-सहकार भवन के नीचे गड्ढों की वजह से वाहन चालक परेशान हैं। -अजमेर रोड, शंकर नगर के पास निगम ने सीवर लाइन डालने के बाद सड़क की मरम्मत की। अब सड़क पर अनगिनत गड्ढे हो गए।
-दिल्ली हाईवे पर तो सड़क क्षतिग्रस्त होने से मानबाग तिराहे से सड़वा मोड़ तक वाहनों को डायवर्ट किया गया। -मानसरोवर में भी कई ऐसी सड़कें हैं जो बारिश में जवाब दे गईं। इन सड़कों को बने हुए एक वर्ष ही हुआ।
-पृथ्वीराज नगर की कॉलोनियों में सड़कें ही बह गईं। अब नीचे वाली सतह ऊपर आ गई है।…… अभियंताओं के लिए बरसात अवसर जेडीए और निगम अभियंताओं के लिए बरसात किसी अवसर से कम नहीं हैं। निम्न गुणवत्ता वाली सड़कें बारिश में क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और मरम्मत के नाम पर फिर पैसा खर्च किया जाता है।
-500 करोड़ रुपए की सड़कें बनाते हैं जेडीए-निगम -30 करोड़ रुपए सड़कों की मरम्मत पर किए जाते हैं खर्च -40 करोड़ रुपए की सड़कें जेडीए ने मानसून से पहले बनाईं