9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जंगल में ढूंढने गए थे बाघ, खोज ले आए ऐसी चीज जिसे दुनिया ने 142 सालों से नहीं देखा

जयपुर वो जंगल में बाघ ढूंढा करता था फिर एक रोज उसने जंगल में एक ऐसे पौधे को खोज डाला,जिसे दुनिया ने 142 सालों से देखा ही नहीं था।

2 min read
Google source verification
Ceropegia Lucida

आवेश तिवारी/जयपुर । वो जंगल में बाघ ढूंढा करता था फिर एक रोज उसने जंगल में एक ऐसे पौधे को खोज डाला,जिसे दुनिया ने 142 सालों से देखा ही नहीं था। राजस्थान विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान में डॉक्टरेट धर्मेंद्र खंडाल की इस खोज को विश्व विख्यात साइंस मैगजीन करेंट साइंस ने अपने मुख्यपृष्ठ पर जगह दी है। सांप जैसी आकृति वाले सेरोपेजिया ल्यूसीडा का यह पौधा धर्मेंद्र और उनके साथियों को अरुणांचल प्रदेश के नामडाफा टाइगर पार्क में तब ली जब वो कुछ विदेशी साथियों के साथ वहां बाघ खोज रहे थे ।

धर्मेंद्र द्वारा इस वनस्पति की खींची गई तस्वीर इस वनस्पति की दुनिया में उपलब्ध एकमात्र तस्वीर है । फिलहाल हायना पर किताब लिख रहे धर्मेंद्र पत्रिका से हुई विशेष बातचीत में कहते हैं यह खोज मेरे जीवन की एक बड़ी खोज साबित हुई है। वो बताते हैं कि राजस्थान में दो तीन जगहों पर इस सेरोपेजिया की प्रजाति के कुछ पौधे मिलते हैं लेकिन सेरोपेजिया ल्यूसीडा पहली बार मिला है। सांप के फन के आकार के इसके फूल बेहद खूबसूरत होते हैं।

पहली बार सिक्किम में मिला पौधा
इस वनस्पति की खोज के बारे में राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र धर्मेंद्र बताते हैं वो दिन और दिनों जैसा ही था मैं अपने साथियों के साथ नामफाडा के जंगलों में निकला था। मैं अपने साथियों से एक दो किलोमीटर आगे निकल गया चूँकि शाम होने को थी इसलिए साथियों को चिंता हुई सबने टैंट लगाकर दो लोगों को मुझे लेने भेजा गया। लौटते वक्त यह वनस्पति मुझे दिखाई दी। मैंने तुरंत इसकी तस्वीर खींच ली और बाद में जब इस पर शोध किया तो हमें पता चला यह तो विलुप्त वनस्पति है। धर्मेंद्र बताते हैं कि इसके पहले 1874 में यह प्रजाति सिक्किम में मिली थी ,जिसे बॉटनिकल सर्वे आफ इंडिया के हर्बेरियम में रखा गया है।

देश में 59 प्रजातियां
वनस्पति वैज्ञानिको का कहना है कि देश में सेरोपेजिया की 59 प्रजातियां है । इनमे से ज्यादातर विलुप्त प्राय हैं , जहाँ तक ल्युसिडा का सवाल है इसे लम्बे समय से देखा ही नहीं गया । महत्वपूर्ण है कि सेरोपेजिया की प्रजाति के पौधे हिन्दुस्तान के अलावा,दक्षिण अफ्रीका थाईलैंड,बर्मा और मलेशिया में भी मौजूद हैं। धर्मेंद्र कंडाल बताते हैं कि इसके पहले कई बार सेरोपेजिया की अलग अलग प्रजातियों को ल्यूसीडा कहा गया लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि वास्तविक पौधा सामने आया है। बाघों के संरक्षण की दिशा में काम कर रहे धर्मेंद्र कहते हैं कि लुप्तप्राय वनस्पतियों के संरक्षण के लिए हमें और घूमना होगा देश को और देखना होगा।

यह खोज बेहद महत्वपूर्ण है जब एक वनस्पति लुप्त होती है तो केवल एक वनस्पति लुप्त नहीं होती एक पूरी खाद्य श्रृंखला टूटती है उस पर निर्भर कीट पतंगे भी गायब होते हैं यह वक्त की जरुरत है कि हमारे वनस्पति वैज्ञानिक और भी तत्परता के साथ वनस्पतियों की खोज करें

प्रोफेसर विमला, बोटानिकल सोसायटी ऑफ इंडिया