
एसीबी ने जारी किया टोल फ्री नंबर, रिश्वत मांगने वालों और भ्रष्टाचारियों की करें शिकायत
मुकेश शर्मा / जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ और अधिक कार्रवाई करने के लिए खुद का टोल फ्री नंबर 1064 शुरू किया है। अब इस नंबर पर कोई भी शिकायत कर सकेगा। एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी व एडीजी सौरभ श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से बताया कि उक्त नंबर पर कोई भी सूचना दे सकता है। सूचना की तस्दीक करने का काम एसीबी का रहेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2019 में एसीबी थाने में 424 अभियोग दर्ज हुए, वर्ष 2018 की तुलना में 52 अधिक हैं। वर्ष 2019 में रिश्वत की राशि लेने या रिश्वत मांगने के संबंध में 309 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें 61 राजपत्रित अधिकारी और 248 अराजपत्रित अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने से संबंधित आरोप पर 27 अभियोग और पद के दुरूपयोग करने से संबंधित आरोप पर 88 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं।
एसीबी ने रिपोर्ट कार्ड में दी जानकारी
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने वर्ष 2019 में 309 प्रकरण में रंगे हाथ रिश्वत लेने के मामले में 1.58 करोड़ रुपए की राशि जब्त की, जबकि इस अवधि में आय से अधिक सम्पत्ति के मामलों में 83.48 करोड़ रुपए की सम्पत्ति उजागर की है। डीजी आलोक त्रिपाठी ने बताया कि आय से अधिक सम्पत्ति के मामलों में 14 राजपत्रित अधिकारी एवं 13 प्रकरण अराजपत्रित अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ हुए हैं। वर्षभर में 321 व्यक्तियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। इनमें 48 राजपत्रित अधिकारी और 264 अराजपत्रित और निजी व्यक्ति शामिल हैं।
वर्ष 2019 की यह भी दी जानकारी
- 238 प्रकरणों में चालान एवं 98 प्रकरणों में एफआर
- 14 प्राथमिक जांच के बाद दर्ज की गई और पूर्व के वर्षों में दर्ज प्राथमिक जांच सहित कुल 50 प्राथमिक जांचों का निस्तारण भी किया
- 119 प्रकरणों में आरोपी बरी हुए हैं। इनमें ट्रैप में 93, पद के दुरूपयोग में 18 एवं आय से अधिक संपत्ति के आठ प्रकरणों में आरोपी बरी हुए हैं। आरोपगणों की मृत्यु की वजह से 21 प्रकरण ड्रोप किए गए हैं।
- कुल 282 प्रकरण निस्तारित किए गए। न्यायालय के माध्यम से 142 प्रकरणों में सजा हुई है। सजा का प्रतिशत 54.40 फीसदी है। ट्रैप में 124, पद के दुरूपयोग में 13 एवं आय से अधिक संपत्ति के पांच प्रकरणों में सजा हुई है।
- सबसे अधिक 90 ट्रेप पुलिस में हुए, राजस्व विभाग के 53, पंचायत राज के 30, ऊर्जा विभाग के 19, शिक्षा विभाग के 14, नगरीय विकास एवं स्थानीय निकाय के 12, चिकित्सा विभाग के 10 अधिकारी-कार्मिकों के खिलाफ प्रकरण पंजिबद्ध किए गए हैं। अन्य विभागों से संबंधित 81 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
Published on:
31 Dec 2019 06:39 pm
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