
अरविन्द सिंह शक्तावत/ जयपुर। राज्य में अब तक हर विधानसभा चुनाव में सड़क भी अहम मुद्दा रहा है। भाजपा हो या कांग्रेस, जनता की मूलभूत जरूरत के इस मुद्दे को भुनाते हुए चुनावों में बढ़-चढ़कर दावे करती रही है लेकिन जमीनी हकीकत बदली नहीं है। शहरों से लेकर गांवों तक टूटी सड़कें जनता को जख्म दे रही हैं।
आखिरी गांव तक सड़क की सुविधा पहुंचना तो दूर, राजस्थान की राजधानी से देश की राजधानी के बीच सड़क को 4 से 6 लेन करने का काम साढ़े नौ साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।
राज्य में 2013 में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही सड़कों को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं कीं। भाजपा सरकार ने पहले बजट में ही 20 हजार किलोमीटर नई सड़कें बनाने की घोषणा की थी। मेगा हाईवे विकसित करने की घोषणा भी की गई। लेकिन 5 साल लगभग बीतने के बावजूद य घोषणाएं जमीन पर नहीं उतर पाई हैं। घोषणाएं कैसे पूरी हों, इस कश्मकश में सरकार मलेशिया तक चली गई लेकिन वहां से भी उम्मीद पूरी नहीं हुई। यही नहीं, दुर्घटनाएं रोकने के लिए सड़कों का दोष दूर करने के भी बड़े-बड़े वादे किए लेकिन हालात जस के तस हैं।
जबकि सार्वजनिक निर्माण मंत्री यूनुस खान रह-रहकर दावा करते रहे हैं कि सड़कों पर इतना काम कभी नहीं हुआ। पचास हजार करोड़ से ज्यादा राशि सड़कों पर लगाई जा चुकी है। नेशनल हाइवे निर्माण में देश में राजस्थान पहले नम्बर पर आ चुका है।
सड़कों पर भाजपा-कांग्रेस की 5 बड़ी घोषणाएं
भाजपा
— अन्तरराष्ट्र स्तर के रोड सेफ्टी ऑडिटर से रोड सेफ्टी ऑडिट कराकर सड़कों के दोष दूर करेंगे। सड़कों पर रोड सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य करेंगे।
— ढाई सौ से अधिक तथा 100 से 250 की आबादी वाले गांवों को चरणबद्ध रूप से पक्की सड़क से जोड़ेंगे।
— मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड की समीक्षा कर स्टेट हाईवे में अपग्रेड करेंगे।
— स्टेट मेगा हाईवे बनवाएंगे।
— नेशनल हाइवे सड़कों के काम तेजी से कराएंगे।
कांग्रेस
— पंचायत समिति मुख्यालय से जिला मुख्यालय की सड़क को स्टेट हाइवे घोषित करेंगे।
— ढाई सौ से अधिक जनसंख्या वाले वंचित 859 गांवों को बीटी सड़कों से जोड़ेंगे।
— सौ से 250 की जनसंख्या वाले गांवों को जोडऩे की योजना बनाकर 5 वर्षों में 2539 गांवों को सड़क से जोड़ेंगे।
— वर्ष 2001 की जनगणना के पश्चात घोषित नए राजस्व गांवों में से वंचित 1440 गांवों को सड़क से जोड़ेंगे।
2927 किलोमीटर लम्बे 19 मेगा हाईवे का काम प्राथमिकता से पूरा कराएंगे।
2013 बजट घोषणाएं : जुलाई 2018 तक स्थिति
कितनी पूरी
1710 गांवों को सड़कों से जोड़ा गया।
4143 ढाणियों-मजरों को सड़कों से जोड़ा गया।
2390 किमी. राष्ट्रीय राजमार्गों को चौड़ा, सुदृढ़ व नवीनीकरण का काम हुआ।
कितनी अधूरी
सेफ्टी ऑडिट कर सड़कों के दोष दूर करने का वादा अधूरा।
यातायात नियंत्रित करने व सुरक्षित यातायात के वादे पूरे करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया जा सका।
नए मेगा हाईवे योजना में 20 हजार किमी लम्बी सड़कें बनाने की घोषणा भी अधूरी।
धार्मिक स्थलों को सड़कों से जोडऩे के बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन मात्र 85 किलोमीटर सड़कें ही बनीं।
बड़ा दाग, जो दोनों ही सरकारें नहीं मिटा पाईं
जयपुर-दिल्ली सड़क को 4 से 6 लेन में बदलने का काम साढ़े नौ साल पहले कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुआ था। उसी के कार्यकाल में पूरा भी होना था लेकिन नहीं हुआ। राज्य और केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़े-बड़े दावे किए लेकिन 3 साल बीतने के बाद भी यह सड़क राज्य के लिए दाग ही बनी हुई है। इस साल भी उम्मीद नहीं है कि यह सड़क के 6 लेन हो जाएगी। कई जगह तो पुलिया और सड़क आज भी 4 लेन ही है।
समस्या यह है
ज्यादातर घोषणाएं सरकार बनने के बाद पॉलिसी पेरेलेसिस में अटक जाती हैं
ज्यादातर या तो फिजिबल नहीं होतीं, जो होती हैं वे भी समय पर पूरी नहीं हो पातीं
सरकार किसी भी दल की हो, इस समस्या के तोड़ पर किसी का ध्यान नहीं
किस सरकार में बनीं कितनी सड़कें
वसुंधरा राजे सरकार : 37414 किलोमीटर
अशोक गहलोत सरकार : 12554 किलोमीटर
वर्तमान वसुंधरा राजे सरकार (जुलाई 2018 तक) : 22522 किलोमीटर
ये बोले
भाजपा सरकार ने सड़कों को लेकर बड़े-बड़े वादे किए। एक लाख किलोमीटर सड़कें, 20 हजार किलोमीटर जिला सड़कें बनाने को कहा लेकिन सिर्फ एक-दो हजार किलोमीटर सड़कें बनाने का काम शुरू कर पाई है। सड़कों पर गड्ढे लोगों की जान ले रहे हैं। खुद राजधानी की सड़कों का भी हाल खराब है।
अर्चना शर्मा, मीडिया चेयरपर्सन, कांग्रेस
राज्य में सड़कों का जितना काम इन 5 साल में हुआ, पहले कभी नहीं हुआ। ग्रामीण गौरव पथ बनाकर सरकार ने गांवों की दशा और दिशा दोनों बदली है। राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में राजस्थान आज पहले नम्बर पर है। भाजपा सरकार ने हर क्षेत्र में काम किया, सड़कों पर तो विशेष काम हुआ है।
मुकेश पारीक, प्रवक्ता, भाजपा
Published on:
13 Sept 2018 07:00 am
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