
Rajasthan election 2023 विधानसभा चुनाव में विकास कार्यों के वादों के साथ ध्रुवीकरण भी बड़ा मुद्दा रहा है। भाजपा-कांग्रेस ने ध्रुवीकरण को लेकर एक-दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप लगाए। तुष्टीकरण, राम मंदिर सहित कई मुद्दों पर ध्रुवीकरण की कोशिशें हुईं। प्रदेश की दर्जनभर से अधिक सीटें थीं, जहां ध्रुवीकरण को लेकर चुनाव प्रचार में खूब हवा चली। मतदान प्रतिशत को देखा जाए तो ज्यादातर सीटों पर इसका असर देखने को मिला। हालांकि, कुछ सीटों पर मतदान के आंकड़े कम भी हुए हैं।
ध्रुवीकरण के मुद्दे को भुनाने को लेकर भाजपा ने सबसे पहले टिकट वितरण में कार्ड खेला और किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। टिकट वितरण में संत समागम भी देखने को मिला। भाजपा ने हवामहल, तिजारा, पोकरण सहित अन्य कुछ सीटों पर संतों को टिकट देकर मैदान में उतारा। इसका प्रचार में असर भी देखने को मिला। हालांकि कांग्रेस ने भाजपा की चाल को समझा और इसकी काट के लिए भाजपा पर धर्म की राजनीति करने को लेकर हमला बोला। प्रियंका गांधी ने तो यहां तक कहा कि मैं वोट मांगने नहीं, आपको जगाने आई हूं। सोच-समझकर वोट करना।
इन सीटों पर रही सभी की नजर
चुनाव में ध्रुवीकरण को लेकर प्रदेश की कुछ चर्चित सीटों पर सभी की नजर टिकी थी। इनमें जयपुर की हवामहल, किशनपोल, आदर्श नगर, अलवर की तिजारा, रामगढ़ के अलावा अजमेर, नागौर, चूरू व जैसलमेर जिलों की कुछ सीटें शामिल हैं। इनमें से कई सीटों पर तो पांच फीसदी से भी ज्यादा मतदान प्रतिशत बढ़ा है।
आकलन में जुटी पार्टियां
मतदान प्रतिशत बढ़ने के बाद भाजपा-कांग्रेस दोनों राजनीतिक दलों के रणनीतिकार फायदे- नुकसान के आकलन में जुड़ गए हैं। कई विधानसभा सीटों पर तो कड़ी टक्कर दिख रही है। ऐसे में मतगणना में कौन बाजी मारेगा इसको लेकर भी स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। अब नेता इन विधानसभा सीटों के बूच वाइज आंकड़े निकालने के लिए जुटेंगे। इसके लिए बूथों पर लगाए गए एजेंटों से भी फीडबैक लिया जा रहा है।
प्रचार में दिखा तीखापन
ध्रुवीकरण के चलते इन सीटों पर प्रचार के दौरान भी काफी तीखापन देखने को मिला। तिजारा में तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो बार चुनावी सभाओं को संबोधित किया। जयपुर में पीएम नरेन्द्र मोदी का आदर्श नगर, हवामहल और किशनपोल विधानसभा क्षेत्र की सीमा में रोड शो भी हुआ। चर्चित सीटों पर अन्य कई बड़े नेता भी जमकर गरजे। चुनाव आयोग को भी नोटिस देना पड़ा।
ध्रुवीकरण मानी जाने वाली सीटों में हालांकि चूरू, पोकरण, पुष्कर, कामां और रामगढ़ में इस चुनाव में मतदान घटा है। पिछले विधानसभा चुनाव 2018 के मुकाबले चूरू में करीब 2 फीसदी, पोकरण में 1 फीसदी, पुष्कर में 1 फीसदी और रामगढ़ में भी इतना ही मतदान कम रहा
Published on:
26 Nov 2023 07:51 am
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