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Rajasthan Election 2023 : भाजपा 50 से ज्यादा विधायकों को फिर से उतारेगी चुनाव मैदान में!

Rajasthan Assembly Election 2023 : प्रदेश में वर्तमान में भाजपा के 70 विधायक हैं। भाजपा इन विधायकों में से ज्यादातर को फिर से टिकट देने जा रही है।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Oct 19, 2023

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अरविन्द सिंह शक्तावत
जयपुर। Rajasthan Assembly Election 2023 : प्रदेश में वर्तमान में भाजपा के 70 विधायक हैं। भाजपा इन विधायकों में से ज्यादातर को फिर से टिकट देने जा रही है। उम्रदराज, पार्टी से निलम्बित, सरकार पर संकट के समय विधानसभा से गायब हुए पांच और जिन विधायकों के खिलाफ बहुत अधिक एंटीइंकंबेंसी है। उनको छोड़ पार्टी अन्य विधायकों के टिकट काटने के मूड में नहीं है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार 50 से ज्यादा विधायकों को पार्टी फिर से चुनाव मैदान में उतारने का मन बना रही है।

सूत्रों के अनुसार पार्टी के सर्वे में विधायकों की रिपोर्ट कार्ड ठीक आई है। यही वजह रही कि पार्टी ने कोर ग्रुप में जिन विधायकों के टिकट पर चर्चा की। भले ही उनके साथ एक-दो नाम और चर्चा में रहे, लेकिन ज्यादा गंभीरता से उन नामों पर चर्चा नहीं हुई। पार्टी ज्यादातर कद्दावर नेताओं को भी फिर से टिकट देने का मन बना चुकी है।

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उम्रदराज विधायकों पर संकट, लेकिन.....
पार्टी 75 पार विधायकों को टिकट देने के मूड में नहींं है। ऐसी स्थिति में पार्टी से निलम्बित विधायक कैलाश मेघवाल और सूर्यकांता व्यास के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। लेकिन, 75 पार का यह नियम लागू होता है तो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए देवीसिंह भाटी का टिकट भी खतरे में पड़ सकता है। भाटी की भी उम्र 75 पार है। यदि पार्टी उनको टिकट देती है तो 75 वर्ष से ज्यादा उम्र का नियम टूट जाएगा।

पांच विधायकों के टिकट पर भी संशय
विधानसभा में 2020 में सरकार पर संकट के समय एक बार वोटिंग की स्थिति बनी थी। इस दौरान जब भाजपा ने विधायक गिने तो पांच विधायक सदन से गायब थे। इस वजह से पार्टी वोटिंग मांगने की स्थिति में ही नहीं आ पाई थी और इसे लेकर काफी हो-हल्ला भी मचा। पार्टी आलाकमान ने भी इस पर खासी नाराजगी जताई थी और नेताओं ने इशारों-इशारों में ही कहा था कि समय आने पर इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। माना जा रहा है कि अब इन विधायकों के टिकट खतरे में पड़ सकते हैं।

एंटीइंकंबेंसी के चलते कटेगा टिकट
बताया जा रहा है कि पांच से सात विधायकों के खिलाफ ज्यादा एंटीइंकंबेंसी है। इसे सुधारने के प्रयास भी जारी हैं, लेकिन अभी पूरी तरह से इसमें विधायकों को सफलता नहीं मिली है। कुछ विधायकों से संगठन भी नाराज है। ऐसी स्थिति में इन विधायकों के भी टिकट पर तलवार लटकी हुई है। ये विधायक जयपुर, चूरू, बारां, बीकानेर, अजमेर जिले से आते हैं।

पहली सूची में ही कट गया एक विधायक का टिकट
भाजपा ने जो पहली सूची जारी की है। उसमें विद्याधर नगर विधायक नरपत सिंह राजवी का टिकट भी काटा है। पार्टी ने ऐसा कर वंशवाद के साथ-साथ यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है। हालांकि, ऐसी भी चर्चा है कि उनको या उनके पुत्र को किसी अन्य सीट से चुनाव लड़वाया जा सकता है।

भाजपा कोर ग्रुप आज फिर करेगा टिकटों पर मंथन
प्रदेश भाजपा के कोर ग्रुप की बैठक गुरूवार को फिर से दिल्ली में होने जा रही है। बैठक में कोर ग्रुप के सभी सदस्यों को बुलाया गया है। सूत्रों के अनुसार बैठक में बची हुई 159 सीटों पर फिर से चर्चा होगी। विधायकों की सीटों पर तो चर्चा हो चुकी है। शेष सीटों पर विस्तार से एक बार फिर चर्चा होगी। भाजपा सभी सीटों पर सिंगल और दो नाम के पैनल तैयार कर रही है। संभवत: 20 अक्टूबर को केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रदेश भाजपा का कोर ग्रुप 70 से 80 सीटों के नाम रख सकता है। इनमें से जिन नामों पर सहमति बन जाएगी, उनकी सूची जारी कररी जाएगी। 70 से 80 नामों की इस सूची में चालीस के आसपास वर्तमान विधायकों के नाम भी हो सकतेे हैं।

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शाह-नड्डा ने दो-दो नाम लिए
दिल्ली में एक दिन पहले हुई बैठक में प्रदेश भाजपा कोर कमेटी ने कई सीट पर सिंगल नाम बताए तो भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ठिठक गए। उन्होंने ऐसी सभी सीटों पर कम से कम दो नाम मांगे और पैनल तैयार करवाया। आलाकमान चाहता है कि केन्द्रीय चुनाव समिति और पॉर्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक से पहले किसी भी सीट की स्थिति खुले में साफ नहीं हो।