
Rajasthan Assembly Election 2023 : राजधानी जयपुर में चुनावी माहौल बन चुका है। मुख्य दलों के प्रत्याशियों का ज्यादातर समय लोगों के बीच में ही निकल रहा है। 18 से 20 घंटे तक प्रचार और जनसम्पर्क हो रहा है। ऐसे में कई प्रत्याशी खाना खाने से लेकर झपकी भी गाड़ी में ही ले रहे हैं।
सूरज निकलने से पहले प्रत्याशी मॉर्निंग वॉकर्स से मिलकर जनसम्पर्क की शुरुआत कर रहे हैं। दिन चढऩे के साथ कार्यालय में बैठक और उसके बाद फिर से कॉलोनियों और बाजारों में पहुंच व्यापारियों से संवाद चल रहा है। 23 सितम्बर शाम पांच बजे तक प्रत्याशियों की यही दिनचर्या रहेगी। तीन हजार से अधिक घरों तक पहुंचना पड़ रहा है।
हर घंटे एक नुक्कड़ सभा और भाषण
-18 से 20 घंटे जनसम्पर्क के दौरान नुक्कड़ सभाएं खूब हो रही हैं। जनसम्पर्क के दौरान औसतन हर घंटे एक बार प्रत्याशी को बोलना पड़ता है। स्थानीय मुद्दों और समस्याओं का निस्तारण करने की बात प्रत्याशी अपने भाषणों में करते हैं।
-गर्दन पर रहता तीन से पांच किलो माला रखकर भी चलना पड़ रहा है। क्योंकि, स्वागत सत्कार के दौरान जो कोई नाराज न हो, इसका भी प्रत्याशी ध्यान रख रहे हैं।
कुछ ऐसे बदली दिनचर्या
-सुबह चार से पांच बजे के बीच जागना। छह बजे तक प्रचार के लिए पार्कों में पहुंचना। एक दो घरों में चाय पर लोगों और कॉलोनियों के प्रबुद्धजनों से मुलाकात।
-इसके बाद पार्टी कार्यालय आना और अगले दिन के कार्यक्रम को तय करना।
-सुबह 11 बजे वापस लोगों के बीच पहुंच जाना। विकास समितियों के पदाधिकारियों के साथ कॉलोनी में घूमने। यह सिलसिला देर रात तक चलता है।
-रात 12 से एक के बीच प्रचार रुकता है। इसके बाद अगले दिन को लेकर चर्चा होती है। सोते-साते दो से ढाई बज जाते हैं।
कौन क्या कह रहा
भाजपा प्रत्याशी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रवाद और देश में हुए विकास कार्यों को प्रमुखता से गिना रहे हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी: मौजूदा सरकार के कार्यों, लोगों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं से मिलने वाले फायदे बता रहे हैं।
ये भी मुद्दे आ रहे चर्चा में
-पार्कों का विकास नहीं हो रहा है। झूले नहीं है। वॉकिंग ट्रैक क्षतिग्रस्त हैं।
-खस्ताहाल सीवर लाइन से लेकर खुले हुए नालों से होने वाली दिक्कत का भी लोग जिक्र कर रहे हैं।
-सैटेलाइट अस्तपाल की मांग और डिस्पेंसरी में चिकित्सीय सुविधाएं बढ़ाने की मांग लोग प्रत्याशियों से कर रहे हैं।
-कॉलोनी में सडक़, पीने का पानी भी लोगों की मांग में शामिल है। प्रत्याशी को दिन में तीन चार बार लोगों के इसी सवाल का जबाव देना होता है।
Published on:
12 Nov 2023 08:33 am
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