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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: खर्चा रुपैया, बता रहे चवन्नी…प्रत्याशियों के खर्च पर निगरानी तंत्र फेल

Rajasthan Election: राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चुनाव आयोग की तय सीमा से कहीं ज्यादा खर्च कर रहे हैं। लेकिन आयोग का निगरानी तंत्र वास्तविक खर्च का सही आकलन नहीं कर पा रहा।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Nov 16, 2023

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Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चुनाव आयोग की तय सीमा से कहीं ज्यादा खर्च कर रहे हैं। लेकिन आयोग का निगरानी तंत्र वास्तविक खर्च का सही आकलन नहीं कर पा रहा। ऐसे में तमाम प्रयास के बावजूद अधिक खर्च पर नियंत्रण रखने का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है।

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जिला निर्वाचन कार्यालय को उम्मीदवारों के बताए खर्च को ही ज्यादातर मामलों में मानना पड़ रहा है। राज्य में अधिकांश उम्मीदवार अभी 5 लाख से अधिक राशि औसतन प्रचार व अन्य संसाधनों पर प्रतिदिन खर्च कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य स्थायी खर्च अलग हैं। जिलों में उम्मीदवारों ने शुरुआती खर्च का कुछ ब्योरा दिया है। कुछ मामलों में आयोग की टीमों की ओर से खर्च के आकलन को लेकर नोटिस भी जारी करना बताया जा रहा है। लेकिन उम्मीदवारों ने ऐसे खर्च के रास्ते निकाल लिए हैं, जहां आयोग की टीमें भी खर्च को नहीं पकड़ पा रहीं। शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों की ज्यादा राशि खर्च हो रही है। आयोग ने खर्च के लिए सामान की जो दरें तय की हैं।

उनमें और बाजार की दरों में भी अंतर है। आयोग ने उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 40 लाख रुपए तय की हुई है। उम्मीदवार के जनसंपर्क के दौरान माला, साफे व अन्य खर्च ऐसे किए जा रहे हैं। जिस पर निगरानी रखना आसान नहीं। जहां प्रचार होता है, वहां मालाएं उम्मीदवारों को पहनाने के लिए पहले ही कार्यकर्ता बांट रहे हैं। कई जिलों में तो उम्मीदवारों की ओर से चलाए जा रहे लंगरों में चार से पांच सौ तक कार्यकर्ताओं को सुबह-शाम भोजन व चाय नाश्ता कराया जा रहा है।

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बूथ मैनेजमेंट पर बड़ी राशि हो रही व्यय
उम्मीदवार बूथ मैनेजमेंट पर मोटी रकम रोजाना खर्च कर रहे हैं। जिसका आकलन कर पाना आयोग की टीमों के लिए संभव ही नहीं है। चुनाव में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे हैं। जो टैक्सी-वाहन उम्मीदवार के साथ चलते हैं, उन पर तो टीमों की नजर रहती है, लेकिन कार्यकर्ताओं के निजी वाहनों में कुछ पेट्रोल पंप की पर्ची देकर पेट्रोल-डीजल रोजाना भरवाया जा रहा है।

कई जिलों में इस तरह हो रहा रोजाना खर्च:-





















































उदयपुर
अलवर
पाली
अजमेर
जोधपुर
हनुमानगढ़
सोशल मीडिया: 25 से 30 हजार
कार्यालय खर्च: 50 हजार रुपए
ख़ाना व नाश्ता: 17 हजार रुपए

खाना व नाश्ता: 20 हजार रुपए
खाना व नाश्ता: 75 से 80 हजार
सभाओं पर खर्च: 75 हजार
बैठक व सभाएं: 25 से 50 हजारवाहन व पेट्रोल-डीजल: 1 लाखवाहन व पेट्रोल-डीजल: 50 हजार

कार्यालय खर्च: 8 से 10 हजार

वाहन-पेट्रोल-डीजल: 10 से 12 हजार

खाना व नाश्ता: 35 से 40 हजार

सरपंचों पर: 25 हजार से 1 लाख तक

लाउडस्पीकर: 20 से 30 हजारसोशल मीडिया: 5 हजार
वाहन व पेट्रोल-डीजल: 60 हजार

प्रचार सामग्री-माला: 20-25 हजार

वाहन व प्रचार सामग्री: 1.50 लाख

बूथ स्तर: 8 हजार प्रत्येक बूथ पर पहली किस्त

भोजन-नाश्ता: 1 लाख रुपए

टेंट-कुर्सी: 10 हजार रुपए

सोशल मीडिया: 3 हजार

प्रत्येक बूथ पर खर्च: 2 हजार

अन्य खर्च: 1 लाख रुपए

ट्रांसपोर्टेशन: 30 हजारसोशल मीडिया: 8 हजार
सभाओं पर खर्च: 25 हजार
मालाएं व अन्य सामग्री: 5 हजार
सभाओं पर खर्च: 25 हजार
मालाएं, साफे और अन्य खर्च : 5-5 हजार का
सभा खर्च: 20 हजार रुपए
फलों से तोलने पर: 5 से 10 हजारफलों से तोलने पर: 5 हजार