
जयपुर। राजस्थान विधानसभा की बुधवार की कार्यवाही कई बार हंगामे व सत्ता पक्ष-विपक्ष की तीखी नोंकझोंक की भेंट चढ़ी और शाम को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने सत्ता पक्ष से नाराज होकर सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
प्रदेश में पहली बार अध्यक्ष की ओर से इस तरह से सदन स्थगित की घोषणा से सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों चौंक गए। स्थगित करने से पहले राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम पुकारा जा चुका था और इससे पहले कार्य सलाहकार समिति (बीएसी) के 18 सितम्बर तक के कार्य को लेकर संशोधन भी पढ़ा जा चुका था। विपक्ष वेल में धरने पर बैठा था, नारे लगाए जा रहे थे और सत्ता पक्ष भी विपक्ष पर निशाना साध रहा था। ऐसे माहौल में शाम को गतिरोध समाप्त करने के उद्देश्य से अध्यक्ष सदन में पहुंचे थे।
अध्यक्ष ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस है, ऐसे में तक जो भी हुआ उसको दोनों पक्ष भूलें और सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाएं। इस बीच अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी के बार-बार खड़े होकर बोलने पर नाराजगी जताई। अध्यक्ष ने बोलने की इजाजत नहीं दी, इसके बावजूद दोनों बोलने का प्रयास किया। अध्यक्ष ने नाराज होकर कहा कि आप ऐसे सदन चलाना चाहते हैं, तो मैं चला जाता हूं। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन गतिरोध के कारण तीन बार स्थगित हुआ।
पहले करूंगा सीएम से बात
इसके बाद अध्यक्ष से मिलने के लिए उनके चैंबर में पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष के लोगों से कहा कि पहले मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करूंगा, फिर तय करूंगा, क्या करना है।
Published on:
15 Sept 2021 09:50 pm
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