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सीएम गहलोत की ललकार : भाजपा में क्या हिम्मत, सदन चलने से न रोक पाए, ना पांच साल रोक पाएंगे

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ashok gehlot

सीएम गहलोत की ललकार : भाजपा में क्या हिम्मत, सदन चलने से न रोक पाए, ना पांच साल रोक पाएंगे

सुनील सिंह सिसोदिया / जयपुर। विधानसभा में एक दिन पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया की ओर से मांगे नहीं मानने पर 5 साल तक सदन नहीं चलने की दी गई धमकी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इनमें इतनी हिम्मत नहीं कि 5 साल सदन नहीं चलने दें। धमकी ठोंक रहे हैं, क्या दम है। अभी चुनाव हारकर आए हैं, इसलिए ऐसी बातें कर रहे हैं। ये ऐसा कर राजनीतिक मायने लेने का असफल प्रयास कर रहे हैं। उल्टा इनका ग्राफ नीचे और गिरेगा।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को विधानसभा में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि भाजपा के लोगों में नेता प्रतिपक्ष बनने की प्रतिस्पर्धा है। कैलाश मेघवाल ने भी इसीलिए पांच दिन ऐसा नाटक किया। चाह रहे थे कि नेता प्रतिपक्ष की लड़ाई में आगे निकल जाएं। जब सदन चलाने के लिए राज्यपाल ने ही आदेश दे दिया, तो कोई रोकने वाला कौन होता है। आखिर हाउस तो चला ही ना। इनकी तो सोच ही एसी है। अब नाटक कर सदन नहीं चलने दे रहे।

कर्जमाफी के मुद्दे पर हंगामा कर रहे हैं। अभी तो कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू हुई है। इन्होंने 50 हजार तक का कर्जा माफ करने का नाटक किया। लेकिन 8 हजार करोड़ में से 2 हजार करोड़ ही दे पाए। 6 हजार करोड़ का भार हमारे ऊपर छोड़कर गए हैं। जबकि जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो हमारे सदस्यों ने 3 दिन विधानसभा में पड़ाव डाला। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री मिलने तक नहीं आई। आखिर में विधानसभा सत्र ही खत्म कर दिया। गहलोत ने कहा कि हम विपक्ष की भावनाओं का सम्मान करते हैं। सदन में जब सभी दलों ने किसान कर्जमाफी की बात रखी तो खड़े होकर जवाब दिया।


किसान कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस का स्पष्ट आदेश है। राहुल गांधी ने जो कहा वो दो दिन में कर दिखाया। अब बैंकों से रिपोर्ट ली जा रही है। किसकी कितनी राशि बकाया है। भाजपा तो अनावश्यक मुद्दा बना रही है। इनकी बात में तो कोई दम नहीं है। कांग्रेस की सरकार जनता का ध्यान रखने वाली सरकार के रूप में जानी चाएगी। जनता और विपक्ष से जो फीडबैक मिलेगा, उसका सम्मान करेंगे।