
राजस्थान विधानसभा का सत्र शुक्रवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल ने हंगामा मचाया और वेल में आकर बैठ गए। हालाकि राज्यपाल ने पूरा अभिभाषण पढ़ा। इसके बाद वो रवाना हो गए। अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कुछ देर बार एक ऐसा संयोग देखने को मिला, जो शायद राजस्थान विधानसभा में पहली बार हुआ। नवनिर्वाचित तीन विधायकों का शपथ ग्रहण हुआ। इसमें रूपिंदर सिंह कुन्नर भी शामिल हैं। मगर संयोग यह था कि कुन्नर ने पहले विधायक पद की शपथ ली और अंत में उनके पिता गुरमीत सिंह कुन्नर की शोकाभिव्यक्ति हुई। कुन्नर के साथ जगत सिंह और महेंद्र जीत सिंह मालवीय ने भी विधायक पद की शपथ ली।
मंत्री बनाया, फिर भी हार गए टीटी
रूपिंदर सिंह कुन्नर के आगे भाजपा ने सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को प्रत्याशी बनाया था। भाजपा ने दाव खेलते हुए चुनाव से पहले ही टीटी को मंत्री बना दिया। मगर सहानुभूति के आगे मंत्री पद भी नहीं चला और कुन्नर की जीत हुई। इस जीत से विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 70 पहुंच गई है।
इन्हें भी दी श्रद्धांजलि
गुरमीत सिंह कुन्नर के साथ पूर्व राज्यपाल नवरंग लाल टिबरेवाल, पूर्व सांसद राम सिंह यादव, पूर्व विधायक शशि दत्ता पूर्व विधायक कैलाश चंद्र भंसाली, पूर्व विधायक डॉ रामराय शर्मा को भी श्रद्धांजलि दी गई।
Published on:
19 Jan 2024 03:18 pm
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