6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भाजपा ने विधानसभा स्पीकर से कहा- ​विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करें, या फिर कांग्रेस विधायक जनता से माफी मांगे

भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा स्पीकर से मांग की है कि कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाएं।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Hiren Joshi

Oct 18, 2022

Rajasthan BJP Demands Speaker To Accept Resignation Of Congress MLA's

भाजपा ने विधानसभा स्पीकर से कहा- ​विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करें, या फिर कांग्रेस विधायक जनता से माफी मांगे

कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह पर भारतीय जनता पार्टी पहली बार खुलकर सामने आई है। पार्टी के विधायक दल ने विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी से मिलकर यह मांग की है कि राज्य के 91 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफाों पर स्थिति स्पष्ट की जाए। जोशी के सिविल लाइंस स्थित आवास पर भाजपा विधायकों ने मंगलवार सुबह नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के नेतृत्व में यह मांग की। भाजपा की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में बकायदा विधानसभा के नियम और प्रक्रियाओं का हवाला दिया गया है।

ज्ञापन में भाजपा ने प्रमुखता से यह मांग की है कि विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा के नियय और प्रक्रिया के नियमों के नियम 173-2 के अंतर्गतï् स्वेच्छा से दिए गए विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करें। अगर स्वीकार नहीं करते हैं तो विधायक विधानसभा अध्यक्ष के सामने उपस्थित होकर इस्तीफे वापस लें और प्रदेश की जनता से सार्वजनिक माफी मांगें। कटारिया के साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, विधायक वासुदेव देवनानी सहित 10 भाजपा विधायक जोशी के घर पहुंचे।

भाजपा की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में बकायदा जगह-जगह विधानसभा के नियमों का हवाला दिया गया है। इसमें उल्लेखित है कि विधायकों ने संविधान के अनुच्छेद 190-3-ख के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए सदस्यता से इस्तीफा दिया है। इस अनुच्छेद में उल्लेखित है कि, यथास्थिति अध्यक्ष या सभापति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपने स्थान का त्याग कर देता है और उसका त्यागपत्र यथास्थिति अध्यक्ष या सभापति द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है तो ऐसा होने पर उसका स्थान रिक्त हो जाएगा। इसमें लिखा है कि दो सप्ताह से अधिक बीत जाने के बाद भी त्यागपत्र स्वीकार करने का निर्णय विचाराधीन है। त्यागपत्र देने के बाद भी विधायक सभी सरकारी सुविधाएं भी ले रहे हैं और सभी विभागीय कार्य भी कर रहे हैं। ज्ञापन में अनुच्छेद 208 के अंतर्गत् बने राजस्थान विधानसभा प्रक्रियाओं के नियम 173 में त्यागपत्र देने की प्रक्रिया का स्पष्ट प्रावधान है। अगर दबाव में त्यागपत्र नहीं दिया गया है तो इसे तुरंत स्वीकार किया जाना चाहिए। ज्ञापन में लिखा है कि इस्तीफों में विधानसभा के नियम 173-1 के प्रावधानों की पूर्णत: पालना हुई है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि विधायकों के इस्तीफों से राज्य में जनता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई का असर जनता पर पड़ रहा है। इस मुद्दे पर भाजपा जल्दी ही राज्यपाल से भी मिलेगी।
ज्ञापन देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष के घर से बाहर आकर भाजपा नेताओं ने कहा कि 40 मिनट की वार्ता सकारात्मक रही। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने हमें आश्वस्त किया है कि इस मामले में वे विधि विशेषज्ञों से सुझाव ले रहे हैं। इसमें शीघ्र निर्णय करेंगे। उन्होंने कहा कि विधायक दल ने जोशी को विधायकों के इस्तीफों के बाद राज्य में हो रही अव्यवस्था के बारे में जानकारी दी।