
अंतर्राष्ट्रीय वूशू खिलाड़ी रोहित जांगीड़ ( International Wushu Player Rohit Jangid ) के नक्शेकदम पर अब उनके भाई राहुल जांगीड़ ( Wushu Player Rahul Jangid ) भी राजस्थान के साथ ही हिंदुस्तान का नाम दुनिया भर में रोशन करने में जुटे हुए हैं। बड़े भाई रोहित की प्रेरणा और मार्गदर्शन पर राहुल अब तक राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में ना सिर्फ भाग ले चुके हैं, बल्कि पदक जीतकर अपनी काबिलियत का प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
नए 'मिशन' पर दोनों भाई
वुशु खिलाड़ी रोहित और राहुल इन दिनों अपने अगले मिशन में फतह पाने के मकसद से प्रेक्टिस सेशंस में जुटे हुए हैं। इसी महीने के आखिर में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शुरू हो रहे राष्ट्रीय वुशु प्रतियोगिता में दोनों भाई अलग-अलग वेट कैटेगरी में अपने प्रतिद्वंदियों को धूल चटाने की उम्मीद से उतरेंगे। बड़े भाई रोहित जहां 65 किलोग्राम वजन कैटेगरी में अपना दमखम दिखाएंगे तो वहीं उनके छोटे भाई राहुल 60 किलोग्राम वजन कैटेगरी में किस्मत आज़मायेंगे।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय वुशु प्रतियोगिता 28 अक्टूबर से 1 नवम्बर तक श्रीनगर के नवनिर्मित एसके इनडोर स्टेडियम पर खेली जाने है। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों के बेहतरीन वुशु खिलाड़ी एक-दूसरे को टक्कर देंगे।
घंटों कर रहे अभ्यास, बहा रहे पसीना
राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में 'स्वर्ण' पर निशाना साधने के लिए इन दिनों दोनों भाई कई मेहनत कर रहे हैं। दिन और रात के अलग-अलग सेशंस में हो रहे अभ्यास सत्र में कई-कई घंटों तक पसीना बहा रहे हैं। वहीं दोनों ही भाई अपने डाइट को लेकर भी विशेष रूप से सावधानी बरत रहे हैं।
शाकाहारी, पर सब पर भारी !
अंतर्राष्ट्रीय वुशु खिलाड़ी रोहित जांगीड़ ने 'पत्रिका' से ख़ास बातचीत में बताया कि वे और उनके भाई शुद्ध शाकाहारी हैं, लिहाज़ा अपनी डाइट में प्रोटीन से भरपूर शाकाहारी खानपान पर ही विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। रोहित कहते हैं कि ''शाकाहारी, पर फिर भी सब पर भारी''। रोहित के अनुसार वे इसी शाकाहारी डाइट के दम पर अब तक राज्य ही नहीं बल्कि कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इवेंट्स में शामिल होकर मैडल भी ला चुके हैं।
बड़े मुकाबलों के लिए अब राहुल तैयार
बड़े भाई रोहित की तर्ज़ पर अब छोटे भाई राहुल भी बड़े मुकाबलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। राहुल जांगीड़ बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 2010 से वुशु खेल खेलना सीखा था। उसके दो वर्ष के बाद ही राष्ट्रीय प्रतियोगिता खेली और रजत पदक जीत लिया। इस पहले मैडल के बाद तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
राहुल जांगीड़ ने वर्ष 2015 में जूनियर नेशनल में कांस्य पदक के बाद वर्ष 2017 में सीनियर नेशनल में भी कांस्य पदक अपने नाम किया। इसके बाद वे वर्ष 2018 में एशियन गेम्स के लिए आयोजित भारतीय टीम के शिविर के लिए चयनित हुए। इसी वर्ष ईरान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वुशु प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल मुकाबलों तक पहुंचे। हालांकि यहां तक पहुँचने के बाद ईरान के प्रतिद्वंदी से उन्हें शिकस्त मिली और वे स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गए।
रोहित भाई से मिलती है 'ताकत'
वुशु खिलाड़ी राहुल जांगीड़ का कहना है कि उन्हें हर प्रतियोगिता में बड़े भाई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी रोहित जांगीड़ का मार्गदर्शन मिलता है जो एक अलग ताकत के रूप में काम करता है। हालांकि इन दोनों भाइयों को कोच राजेश टेलर का मार्गदर्शन मिल रहा है।
कभी मिलते थे ताने, आज हो रही 'वाह-वाह'
दोनों भाई बताते हैं कि एक वक्त ऐसा भी था जब भविष्य में आगे क्या करना है कुछ साफ़ नहीं था। नौबत यहां तक आई हुई थी, कि घरवाले, पडोसी और जानकार हमें निकम्मा कहकर ताने दिया करते थे। लेकिन आज वही लोग हमारी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं और 'वाह-वाही' में शामिल होते हैं।
Updated on:
08 Oct 2022 02:57 pm
Published on:
08 Oct 2022 02:56 pm
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