– कृषि अभियांत्रिकी संस्थान की स्थापना होगी
– राजस्थान राज्य कृषि उपज संवर्धन एवं सरलीकरण अधिनियम 2020 लाया जाएगा
– फसली ऋण में पारदर्शिता ला रहे हैं ग्राम सेवा सहकारी समिति के जरिए बांटे जाने वाले फसली ऋण के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है
– अब तक 8700 करोड रुपए से ज्यादा ब्याज मुक्त फसली ऋण बांटा जा चुका है
– पहली बार सदस्य बने किसानों को 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का फसली ऋण बांटा जा चुका है
– पशुपालकों में बीकानेर विश्विद्यालय में मिलेगा प्रशिक्षण
– महिला बाल विकास को लेकर योजनाएं
– महिला शक्ति निधि के माध्यम से सशक्तिकरण में अच्छा काम हुआ है
– आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा प्रशिक्षण
– पोषाहार की गुणवत्ता बढ़ाने का काम होग
– 800 करोड रुपए की राशि से पोषाहार वितरित किया जाएगा पोषाहार वितरण में पारदर्शिता लाएंगे गुणवत्ता बढ़ाएंगे
– 8700 करोड रुपए का प्रावधान सामाजिक न्याय की योजनाओं के लिए महिला बाल विकास शोध संस्थान विकसित किया जाएगा
– राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की घोषणा
– पालनहार योजना का दायरा भी बढ़ाया
– प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर छात्रावास और हाफ वे होम खोला जाएगा
– बाल अधिकार की रक्षा के लिये नेहरू बल संरक्षण कोष की घोषणा
– 100 करोड़ के नेहरू बाल संरक्षण कोष का ऐलान, इसके जरिये बच्चों की तस्करी रोकेंगे
– बाल तस्करी और बाल मजदूरी जैसी बुराइयों पर अंकुश लगाया जा सकेगा
– जन्म से मूक बधिर बच्चों के लिए इलाज की घोषणा
– बाल्यकाल की प्रारंभिक अवस्था में हीरे की स्कीम की अनिवार्यता की नीति बनाकर लागू करेंगे
– कामां मसूदा में 41 करोड़ की लागत से छात्रावास
– 41 करोड़ की लागत से अल्पसंख्यक बच्चों के लिए छात्रावास बनवाया जाएगा
– 45 हज़ार प्रति किसान को अनुदान के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे
– फिट राजस्थान हिट राजस्थान की मुहिम चलाई जाएगी
– राजस्थान राज्य कृषि उपज संवर्धन एवं सरलीकरण अधिनियम 2020 लाया जाएगा
– फसली ऋण में पारदर्शिता ला रहे हैं ग्राम सेवा सहकारी समिति के जरिए बांटे जाने वाले फसली ऋण के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है
– अब तक 8700 करोड रुपए से ज्यादा ब्याज मुक्त फसली ऋण बांटा जा चुका है
– पहली बार सदस्य बने किसानों को 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का फसली ऋण बांटा जा चुका है
– पशुपालकों में बीकानेर विश्विद्यालय में मिलेगा प्रशिक्षण
– महिला बाल विकास को लेकर योजनाएं
– महिला शक्ति निधि के माध्यम से सशक्तिकरण में अच्छा काम हुआ है
– आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा प्रशिक्षण
– पोषाहार की गुणवत्ता बढ़ाने का काम होग
– 800 करोड रुपए की राशि से पोषाहार वितरित किया जाएगा पोषाहार वितरण में पारदर्शिता लाएंगे गुणवत्ता बढ़ाएंगे
– 8700 करोड रुपए का प्रावधान सामाजिक न्याय की योजनाओं के लिए महिला बाल विकास शोध संस्थान विकसित किया जाएगा
– राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की घोषणा
– पालनहार योजना का दायरा भी बढ़ाया
– प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर छात्रावास और हाफ वे होम खोला जाएगा
– बाल अधिकार की रक्षा के लिये नेहरू बल संरक्षण कोष की घोषणा
– 100 करोड़ के नेहरू बाल संरक्षण कोष का ऐलान, इसके जरिये बच्चों की तस्करी रोकेंगे
– बाल तस्करी और बाल मजदूरी जैसी बुराइयों पर अंकुश लगाया जा सकेगा
– जन्म से मूक बधिर बच्चों के लिए इलाज की घोषणा
– बाल्यकाल की प्रारंभिक अवस्था में हीरे की स्कीम की अनिवार्यता की नीति बनाकर लागू करेंगे
– कामां मसूदा में 41 करोड़ की लागत से छात्रावास
– 41 करोड़ की लागत से अल्पसंख्यक बच्चों के लिए छात्रावास बनवाया जाएगा
– 45 हज़ार प्रति किसान को अनुदान के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे
– फिट राजस्थान हिट राजस्थान की मुहिम चलाई जाएगी
-चंबल से अलग-अलग जगह पानी पहुंचाने के लिए डीपीआर बनाई जाएगी – सोलर सिस्टम को बड़े पैमाने पर लागू करेंगे रूफटॉप सिस्टम – गिव एनर्जी सिटी के रूप में चयनित शहरों को विकसित किया जाएगा
– चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी जिलों में कृषि क्षेत्रों के लिए दिन में 2 ब्लॉक में कृषि के लिए बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी – सभी सरकारी स्कूलों में शनिवार को नो बैग डे
– 8633 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का नवीनीकरण होगा
– सड़क दुर्घटना में घायलों का नजदीक के निजी अस्पताल करेंगे इलाज – बीसलपुर बांध का जीर्णोद्धार कराया जाएगा -सीवरेज की सफाई का काम मशीनों द्वारा किए जाने की योजना
– सड़क दुर्घटना में घायलों का नजदीक के निजी अस्पताल करेंगे इलाज – बीसलपुर बांध का जीर्णोद्धार कराया जाएगा -सीवरेज की सफाई का काम मशीनों द्वारा किए जाने की योजना
-स्थानी निकाय यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी की मानव को मैनुअल सीवर लाइन में नहीं उतारा जाएगा -राज्य को इकोसिस्टम डिस्ट्रिक्ट करने की कोशिश 229 आईटीआई और ई क्लास के जरिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाएगा
– प्रवासी राजस्थानी श्रमिक कल्याण कोष की स्थापना के लिए ₹10 करोड़ आवंटित – जयपुर एयरपोर्ट पर स्टेट फ्लाइंग स्कूल ऑफ़ फ्लाइंग क्लब फिर से शुरू किया जाएगा – प्रदेश के 14 जिलों में बनेंगे शहीद स्मारक
– सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, महंगाई भत्ता पांच प्रतिशत बढ़ाया – वाणिज्य कर अधिकारियों के पद नाम भारत सरकार के समकक्ष किए जाएंगे, इसके लिए सेवा नियमों में भी संशोधन किया जाएगा
– मोटर वाहन कर को अधिकतम 14000 की जगह 10000 किया जाना प्रस्तावित – खनिज अन्वेषण की अनुमति के लिए स्टेट एक्सप्लोरेशन माइनिंग ट्रस्ट का गठन किया जाएगा – मुख्यमंत्री का बजट भाषण खत्म, करीब 1 घंटे 42 मिनट बोले मुख्यमंत्री
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा राज्य बजट 2020-21 पेश कर रहे हैं। इससे पहले सीएम के विधानसभा पहुँचने पर मुख्य सचेतक डॉ महेश जोशी, कांग्रेस विधायक महेंद्र चोधरी, संयम लोढ़ा और शांति धारिवाल ने सीएम की आगवानी की।
मंदी के दौर में विपरीत आर्थिक हालात के बीच गहलोत सरकार इस कार्यकाल का अपना दूसरा बजट पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर प्रदेश को खराब आर्थिक हालात से उबारने की चुनौती है। ऐसे में सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए कुछ उपकर लगा सकती है। साथ ही सुस्त पड़े उद्योग व रियल एस्टेट में तेजी लाने, निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास कर सकती है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा राज्य बजट 2020-21 पेश कर रहे हैं। इससे पहले सीएम के विधानसभा पहुँचने पर मुख्य सचेतक डॉ महेश जोशी, कांग्रेस विधायक महेंद्र चोधरी, संयम लोढ़ा और शांति धारिवाल ने सीएम की आगवानी की।
मंदी के दौर में विपरीत आर्थिक हालात के बीच गहलोत सरकार इस कार्यकाल का अपना दूसरा बजट पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर प्रदेश को खराब आर्थिक हालात से उबारने की चुनौती है। ऐसे में सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए कुछ उपकर लगा सकती है। साथ ही सुस्त पड़े उद्योग व रियल एस्टेट में तेजी लाने, निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास कर सकती है।
इधर, पिछले बजट में 75 हजार नौकरियों की घोषणा की गई थी, इस बजट में कितनी नौकरियों का पिटारा खिलेगा, इसका इंतजार है। निरोगी राजस्थान को लेकर भी खासा बजट प्रावधान करने की उम्मीद है। स्वास्थ्य का अधिकार कानून को लेकर भी घोषणा हो सकती है तथा बजट में शहरी-ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस रहने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि ताजा वित्तीय वर्ष में राजस्व की कमी के कारण सरकार अपनी योजनाओं पर लक्ष्य के अनुसार खर्च भी नहीं कर सकी है। पिछले बजट अनुमान के अनुसार दिसम्बर तक सरकार 60 प्रतिशत ही राशि खर्च कर सकी है।
सूत्रों के अनुसार ऐसे में बजट में सरकार से बड़ी घोषणा की उम्मीद कम है। सरकार ने पिछले बजट में आय का जो अनुमान लगाया, वह लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया। ऐसे में लगभग सभी विभागों में ज्यादातर बड़ी परियोजनाओं के बिलों के भुगतान नहीं हो पा रहे हैं। जानकारी के अनुसार तीसरी तिमाही यानी दिसंबर तक राजस्व आय का सिर्फ 61.65 प्रतिशत ही लक्ष्य हासिल हो पाया था। इसमें विभिन्न करों से होने वाली आय करीब 58 प्रतिशत थी।
राज्य सरकार को जीएसटी से राजस्व करीब 56 प्रतिशत और सेल टैक्स से राजस्व करीब 59 प्रतिशत ही मिल पाया। आर्थिक तंगी के कारण राज्य सरकार के सहयोग से चलने वाली केंद्र की योजनाएं भी धीमी चलीं। इससे उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने में देर हुई। इससे राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय योजनाओं के तहत केंद्र सरकार से राशि भी अनुमान से कम ही मिल पाई। हाल ही केंद्र ने चालू वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमान जारी किए हैं, जो राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय हैं। केंद्र के संशोधित अनुमान के अनुसार प्रदेश को करीब 20 हजार करोड़ रुपए कम मिलने की स्थिति बन रही है।
गौरतलब है कि ताजा वित्तीय वर्ष में राजस्व की कमी के कारण सरकार अपनी योजनाओं पर लक्ष्य के अनुसार खर्च भी नहीं कर सकी है। पिछले बजट अनुमान के अनुसार दिसम्बर तक सरकार 60 प्रतिशत ही राशि खर्च कर सकी है।
सूत्रों के अनुसार ऐसे में बजट में सरकार से बड़ी घोषणा की उम्मीद कम है। सरकार ने पिछले बजट में आय का जो अनुमान लगाया, वह लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया। ऐसे में लगभग सभी विभागों में ज्यादातर बड़ी परियोजनाओं के बिलों के भुगतान नहीं हो पा रहे हैं। जानकारी के अनुसार तीसरी तिमाही यानी दिसंबर तक राजस्व आय का सिर्फ 61.65 प्रतिशत ही लक्ष्य हासिल हो पाया था। इसमें विभिन्न करों से होने वाली आय करीब 58 प्रतिशत थी।
राज्य सरकार को जीएसटी से राजस्व करीब 56 प्रतिशत और सेल टैक्स से राजस्व करीब 59 प्रतिशत ही मिल पाया। आर्थिक तंगी के कारण राज्य सरकार के सहयोग से चलने वाली केंद्र की योजनाएं भी धीमी चलीं। इससे उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने में देर हुई। इससे राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय योजनाओं के तहत केंद्र सरकार से राशि भी अनुमान से कम ही मिल पाई। हाल ही केंद्र ने चालू वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमान जारी किए हैं, जो राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय हैं। केंद्र के संशोधित अनुमान के अनुसार प्रदेश को करीब 20 हजार करोड़ रुपए कम मिलने की स्थिति बन रही है।