975 करोड़ रुपए की घोषणा
धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 975 करोड़ रुपए के विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कार्यों की घोषणा की है। इसके तहत प्रदेश में धार्मिक स्थलों के साथ-साथ ऐतिहासिक और इको-टूरिज्म स्थलों का भी विकास किया जाएगा।
आईकॉनिक डेस्टिनेशन
हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आईकॉनिक डेस्टिनेशन के लिए जैसलमेर किला, बारां का शेरगढ़ किला, जयपुर का आमेर और नाहरगढ़ सहित कई प्रमुख स्थलों को शामिल किया गया है।
प्रदेश में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा
प्रदेश में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जयपुर, उदयपुर जैसलमेर, भरतपुर, बीकानेर, और अलवर के प्रमुख पर्यटन स्थलों और हेरिटेज स्मारकों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिस पर 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
जयपुर में आयोजित होंगे सांस्कृतिक महोत्सव
राजधानी के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गोविंददेवजी मंदिर में सालभर कला महोत्सव आयोजित किए जाएंगे, जिस पर 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ट्रैवल मार्ट की अहम भूमिका
पर्यटन और कला के क्षेत्र में ट्रैवल मार्ट की अहम भूमिका को देखते हुए जयपुर, जोधपर और उदयपुर में ट्रैवल मार्ट का आयोजन किया जाएगा।
वेडिंग और इवेंट टूरिज्म को बढ़ावा
वेडिंग और इवेंट टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कार्यों के लिए 125 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गवरी देवी कला केन्द्र
बीकानेर में लोक गायकों एवं संगीतकारों के लिए गवरी देवी कला केन्द्र की स्थापना।
जयपुर अल्बर्ट हॉल म्यूजियम
जयपुर अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के विकास के लिए 25 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म
हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को आवश्यक स्किल अपग्रेडेशन की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए संभाग स्तर पर हॉस्पिटैलिटी स्किल सेंटर पर 35 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
प्रदेश की विभिन्न झीलों में सौन्दर्यीकरण का होगा कार्य
वरूण सागर झील व चौरसियावास तालाब अजमेर, जैतसागर झील व नवल सागर झील-बूंदी, सूरसागर झील-बीकानेर, प्रेम सागर सरोवर (आसींद)- भीलवाड़ा, जयनिवास उद्यान, पौण्ड्रिक उद्यान, ताल कटोरा-जयपुर, कुशाल झील (गंगापुरसिटी)- सवाई माधोपुर के सौन्दर्याकरण, जीर्णोद्धार व अन्य विकास कार्य किए जाएंगे।
धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार एवं विकास कार्य 57 करोड़ रुपए खर्च
धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार एवं विकास कार्य के लिए 57 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जिसमें गरबा जी मंदिर, लालदास जी मंदिर अलवर, रामदेवजी की जन्मस्थली रामदेरिया काश्मीर-बाड़मेर, लक्ष्मीनाथ जी मंदिर, मुरली मनोहर मंदिर, हनुमानमंदिर, शीतला माता मंदिर-बीकानेर, श्री बालानंद जी भरतपुर, मालासेरी-भीलवाड़ा, वामनदेव मंदिर (मनोहरपुर), खेड़ापति बालाजी मंदिर, भोमियाजी मंदिर (माधोराजपुरा)-जयपुर। दलहनपुर मठ मंदिर एवं छतरियाँ (मनोहरथाना)- झालावाड़, नाडा बालाजी मंदिर, पगलियाधाम मंदिर (नावां)- डीडवाना कुचामन, रैहनावाली माताजी एवं लाठ बाली माता मंदिर (राजाखेड़ा)-धौलपुर, साडू माताजी (ताम्बेश्वर) की बावड़ी, सवाई भोज मंदिर, गढ़गोठा, वडनगर, श्री अन्नधन जी (भादरा) – हनुमानगढ़, डोवा रामजी महाराज तीर्थ बालरई (रानी) पाली, भूतेश्वर नाथ मंदिर-टोडारायसिंह, सिंधौलिया माताजी मंदिर (मालपुरा), बद्रीनाथ मंदिर (निवाई) टोंक, श्री तेजानन्द बिहारी जी सलूम्बर, माणा बाबा धाम लाखणी व सुन्दरदास धाम बामरडा (खण्डेला) – सीकर, सारणेश्वर महादेव मंदिर, चामुण्डा माता जी मंदिर-सिरोही, श्री जगत शिरोमणि जी-उदयपुर।
दीपावली, होली एंव रामनवमी जैसे प्रमुख त्योहार
600 मंदिरों पर दीपावली, होली एंव रामनवमी जैसे प्रमुख त्योहारों पर विशेष साज-सज्जा और आरती आदि कार्यक्रमों के आयोजन के लिए 13 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। राजस्थान सरकार की ये घोषणाएं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।