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राजस्थान उपचुनाव में वोटर्स ने परिवारवाद को नकारा, RLP का ढहा गढ़, BAP को राहत; यहां कांग्रेस की जमानत जब्त

Rajasthan Bypoll Result 2024: राजनीतिक दलों ने जीतने के लिए जहां भी परिवारवाद का कार्ड खेला, वहां एक को छोड़ सभी जगह शिकस्त मिली है।

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Rajasthan By Election Results 2024: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में मतदाताओं ने परिवारवाद को नकार दिया है। राजनीतिक दलों ने जीतने के लिए जहां भी परिवारवाद का कार्ड खेला, वहां एक को छोड़ सभी जगह शिकस्त मिली है। भाजपा ने सलूम्बर, दौसा और कांग्रेस ने रामगढ़, झुंझुनूं तो आरएलपी खींवसर में परिवार में ही टिकट दे दिए। लेकिन, इनमें से केवल सलूम्बर में ही भाजपा की उम्मीदवार पूर्व विधायक दिवंगत अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा ही जीत सकी और वह भी आखिरी राउंड में जाकर। 7 सीटों पर हुए उप चुनाव में भाजपा को 5 तो कांग्रेस-बीएपी को एक-एक सीट मिली है।

कांग्रेस चार सीटों पर तो तीसरे नंबर पर रही, वहीं खींवसर में कांग्रेस की रतन चौधरी की जमानत जब्त हो गई है। भाजपा की यह तीन दशक में उपचुनावों में सबसे बड़ी जीत बताई जा रही है। दौसा में भाजपा ने केबिनेट मंत्री किरोडी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा, कांग्रेस ने झुंझुनूं में सांसद बृजेन्द्र ओला के पुत्र अमित ओला, रामगढ़ में दिवंगत विधायक जुबेर खान के पुत्र आर्यन जुबेर खान और आरएलपी सुप्रीमो व सांसद हनुमान बेनीवाल ने खींवसर में पत्नी कनिका बेनीवाल को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन यहां जनता ने राजनीतिक दलों के परिवार कार्ड को नकार दिया और शिकस्त दी।

आरएलपी का गढ़ ढहा, बीएपी को राहत

उपचुनाव में सबसे बड़ा झटका आरएलपी को लगा है। आरएलपी अपने गढ़ खींवसर में ही साख नहीं बचा सकी। पार्टी की कनिका बेनीवाल को 13 से ज्यादा वोटों से शिकस्त मिली है। इससे लंबे समय बाद विधानसभा में आरएलपी का अब कोई सदस्य नहीं रहा। बीएपी के प्रभाव वाली चौरासी सीट पर पार्टी के अनिल कुमार कटारा 24 हजार से अधिक मतों से जीते हैं।

कांग्रेस को बड़ा झटका

लोकसभा की जीत से उत्साहित कांग्रेस को भी करारी शिकस्त मिली है। कांग्रेस सिर्फ दौसा सीट पर ही जीत पाई। यहां पार्टी के दीनदयाल 2300 वोटों से जीते हैं। जबकि पिछले चुनाव में इन सात सीटों में से कांग्रेस 4 सीटों पर बाजी मारी थी।

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