राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है। राज्य सरकार ने अब भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा प्रहार करने और अपराध पर लगाम कसने के लिए ये कदम उठाया है। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में 154 शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में आचार संहिता लगने से दो दिन पहले कांग्रेस की पिछली गहलोत सरकार ने जो कदम उठाया था, उसे भाजपा की भजनलाल सरकार ने पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर भर्ती घोटाले की एसीबी में एफआईआर दर्ज हुई थी। कांग्रेस सरकार ने 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विड्रो करने की अर्जी पेश कर दी थी। इस अर्जी को वर्तमान भाजपा सरकार ने गुरुवार को वापस ले लिया। पात्रता को दरकिनार कर फर्जी भर्ती के मामले में आचार संहिता लागू होने के ऐनवक्त पहले लिए कांग्रेस सरकार के फैसला का खुलासा राजस्थान पत्रिका ने 18 अक्टूबर को प्रकाशित खबर में किया था। इसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी जांच के आदेश दिए थे। चुनाव के बाद भाजपा सरकार बनते ही बीस दिसम्बर को ही यह निर्णय लिया गया कि एसएलपी विड्रो नहीं की जाएगी। सरकार ने एसीबी को निर्देश दिए कि सुप्रीम कोर्ट में दायर प्रार्थना पत्र को वापस लिया जाए।