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जयपुर। देश के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड के पिता वाई वी चन्द्रचूड ने सीजेआइ रहते राजस्थान में अधीनस्थ न्यायपालिका में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए पहल की थी। तब स्वच्छ छवि नहीं होने के कारण 18 न्यायिक अधिकारियों को सेवा से निकालकर सख्त संदेश दिया गया था। सीनियर चन्द्रचूड (वाई वी चन्द्रचूड) सीजेआइ रहते 3 बार राजस्थान आए थे।
मामला उस समय का है, जब के डी शर्मा राजस्थान में मुख्य न्यायाधीश थे। वरिष्ठ न्यायाधीशों में टकराव था और राजस्थान की न्यायपालिका विभाजित दिख रही थी। उन दिनों यहां न्यायाधीशों की नियुक्तियां अटकी हुईं थी और अधीनस्थ न्यायपालिका पर भ्रष्टाचार का दाग लग रहा था। अराजकता जैसी स्थिति के कारण जयपुर में अधीनस्थ न्यायालय परिसर को चंबल की घाटी कहा जाने लगा था। तब तत्कालीन सीजेआइ सीनियर चन्द्रचूड जयपुर में दी बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में भी आए। बार कौंसिल ऑफ इंडिया के तत्कालीन सदस्य वी एस दवे व दी बार एसोसिएशन जयपुर के प्रतिनिधियों ने सीनियर चन्द्रचूड को राजस्थान में न्यायपालिका की स्थिति से अवगत कराया। मामला जानकारी में आने पर सीनियर चन्द्रचूड ने स्थिति पर कटाक्ष किया। उसके बाद पी के बनर्जी राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। कुछ समय बाद दवे को हाईकोर्ट न्यायाधीश बनाया गया, राजस्थान की अधीनस्थ न्यायपालिका में भ्रष्टाचार चिन्हित करने के लिए उन सहित 5 न्यायाधीशों की कमेटी बनाई गई। कमेटी ने रेकॉर्ड का निरीक्षण किया और उसकी सिफारिश पर 18 न्यायिक अधिकारी सेवा से निकाले गए। सीनियर चन्दचूड सीजेआइ रहते जयपुर के अलावा जोधपुर व भरतपुर भी आए थे।
Updated on:
10 Nov 2022 02:00 am
Published on:
10 Nov 2022 01:47 am
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