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कांग्रेस में गुटबाजी, अब दिल्ली से होगी राजनीतिक नियुक्तियां!, 55 नेताओं को मिल सकता है मंत्री स्तर का दर्जा

सत्ता-संगठन से पटेल को पहुंचेंगे प्रस्ताव, फिर समन्वय कर होंगी नियुक्तियां, कांग्रेस की गुटबाजी के चलते नियुक्तियां लम्बे समय से नहीं हो पा रही बड़े स्तर पर, 50 से ज्यादा को नियुक्ति के साथ सरकार दे सकती मंत्री स्तर का दर्जा

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सुनील सिंह सिसोदिया / जयपुर।Rajasthan में कांग्रेस सरकार ( Congress Government ) बनने के बाद से ही राजनीतिक नियुक्तियों ( Political Appointment ) को लेकर पार्टी में गुटबाजी चरम पर हैं। यही वजह है कि प्रदेश में बड़े स्तर पर नियुक्तियां नहीं हो सकी है। जब भी प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू होती है, हर बाद विवाद कांग्रेस के दिल्ली दरबार में पहुंच जाता है और नियुक्तियां नहीं हो पाती है। हाल ही सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) की हुई मुलाकात के दौरान नियुक्तियों का मामला फिर से उठा और इस पर दिल्ली में ही निर्णय होने को लेकर पार्टी में चर्चा है।

बताया जा रहा है कि सत्ता और संगठन के बीच तालमेल का जिम्मा वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ( Ahmed Patel ) को सौंपा गया है। सत्ता और संगठन अपने-अपने स्तर पर नियुक्तियों की सूचियां तैयार करेंगे और नेताओं की यह सूची अहमद पटेल के पास जाएगी। वहीं इन नामों पर आपसी सहमति के बाद हरी झण्डी मिलेगी। प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे ( Avinash Pandey ) तो पहले ही नियुक्तियों को लेकर मचे घमासान के चलते बयान दे चुके हैं कि सत्ता और संगठन की आपसी सहमति से राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी। लेकिन अब तक सहमति नहीं होने से बड़े स्तर पर नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।

अब बताया जा रहा है कि हाल ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की सोनिया गांधी से अलग-अलग हुई बैठकों के साथ ही अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद सहमति बनी है कि सत्ता और संगठन में तालमेल बनाए रखने के लिए नियुक्तियों को लेकर दोनों ओर से प्रस्ताव दिल्ली भेजे जाएंगे। अब यह कमान वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को सौंपे जाने की जानकारी आ रही है।

55 नेताओं को दिया जा सकता मंत्री स्तर का दर्जा...
राज्य में 55 से अधिक ऐसे राज्य स्तरीय पद हैं, जिन पदों पर नियुक्ति देने के साथ राज्य सरकार अपने हिसाब से कैबिनेट व राज्य मंत्री का दर्जा दे सकती है। इनमें एकाध को छोड़कर शेष पद अभी खाली पड़े हैं। यही वजह है कि राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर पार्टी नेताओं में घमासान मचा हुआ है। इन नियुक्तियों को लेकर सत्ता और संगठन में लॉबिंग भी बड़े स्तर पर हो रही है। कई नेता तो ऐसे भी हैं, जो पद पाने को लेकर सक्रिय हो गए हैं और अपने क्षेत्रों से प्रतिनिधि मण्डलों के साथ मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व अन्य बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। राज्यभर की यूआइटी में चेयरमैन के साथ ही तमाम अकादमियों में नियुक्तिां की जानी हैं। प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे का भी पिछले दिनों बयान आया था कि राज्य से लेकर निचले स्तर तक 1 लाख से ज्यादा नियुक्तियां दी जाएंगी।

बोर्ड-आयोग, जिनमें नियुक्तियां होंगी

राजस्थान आवासन मण्डल अध्यक्ष, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण, अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग, राज्य महिला आयोग, राज्य खाद्य बीज निगम, अल्पसंख्यक आयोग, वित्त आयोग, पशुधन विकास बोर्ड, मदरसा बोर्ड, जोधपुर विकास प्राधिकरण, यूथ बोर्ड, देवस्थान बोर्ड, सफाई आयोग, सैनिक कल्याण बोर्ड, समाज कल्याण बोर्ड, केशकला बोर्ड, हज कमेटी, वेयर हाउस कॉर्पोरेशन, माटीकला बोर्ड, वक्फ विकास परिषद और मगरा विकास बोर्ड सहित कई अन्य बोर्ड व आयोग हैं, जिनमें नियुक्तियां की जानी हैं।