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Rajasthan: पंचायतीराज चुनाव को लेकर सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस, सभी जिलों में होंगे प्रदर्शन; जानें ‘इनसाइड स्टोरी’

Rajasthan Congress: राजस्थान कांग्रेस ने प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, पंचायतीराज और निकाय चुनाव टालने, स्मार्ट मीटर जैसे मुद्दों को लेकर आक्रामक रणनीति अपनाई है।

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Rajasthan Congress

(राजस्थान पत्रिका फोटो)

Rajasthan Congress: राजस्थान कांग्रेस ने प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, पंचायतीराज और निकाय चुनाव टालने, स्मार्ट मीटर और राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) जैसे मुद्दों को लेकर आक्रामक रणनीति अपनाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सर्कुलर जारी कर सभी जिला अध्यक्षों और संभाग प्रभारियों को20 जुलाई से 25 जुलाई, 2025 तक जिला स्तर पर बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

इन बैठकों में स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ सरकार की नीतियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की योजना है। इसके बाद प्रत्येक जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर दबाव बढ़ाया जाएगा। अगस्त के पहले सप्ताह से सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू होंगे, जिसके लिए जल्द तारीखों का ऐलान होगा।

पंचायतीराज चुनाव को लेकर कांग्रेस के आरोप

गोविंद सिंह डोटासरा ने सर्कुलर में स्पष्ट किया कि बीजेपी सरकार डेढ़ साल से पंचायतीराज और निकाय चुनाव टाल रही है, जो संविधान और पंचायती राज अधिनियम का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243 यू और 243 ई, साथ ही पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 1770 और राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 7 में स्पष्ट है कि हर पांच साल में पंचायत और निकाय चुनाव करवाना अनिवार्य है। लेकिन सरकार मनमाने तरीके से पंचायतों और वार्डों का पुनर्गठन कर रही है और चुनाव टाल रही है।

डोटासरा ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ कदम बताते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को सभी मंचों पर उठा रही है, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण अब सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

25 जुलाई तक सभी जिलों में बैठकें

प्रदेश कांग्रेस ने 25 जुलाई तक सभी जिलों में बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इन बैठकों में कानून-व्यवस्था, स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता, RGHS योजना की खामियां, और स्थानीय समस्याओं पर चर्चा होगी। प्रत्येक जिले में निंदा प्रस्ताव पास कर सरकार की नाकामियों को उजागर किया जाएगा।

इसके बाद जिला अध्यक्षों को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता के बीच तथ्य रखने और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। डोटासरा ने कहा कि हमारी लड़ाई जनता के हक के लिए है। बीजेपी सरकार की नीतियां जनविरोधी हैं, और हम इनके खिलाफ जनता को एकजुट करेंगे।

अगस्त के पहले सप्ताह में बनेगी योजना

कांग्रेस ने अगस्त के पहले सप्ताह से सभी जिलों में अलग-अलग विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। डोटासरा ने कहा कि प्रत्येक जिले में प्रदर्शन की तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी। इसके साथ ही विधानसभा क्षेत्रों में भी 'संविधान बचाओ रैली' का आयोजन शुरू हो गया है। बीते रविवार को चौमूं विधानसभा में और सोमवार को नीमकाथाना विधानसभा में रैली आयोजित की गई।

इसको लेकर कांग्रेस महासचिव जसवंत गुर्जर ने बताया कि साल के अंत तक प्रदेश की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में ऐसी रैलियां आयोजित की जाएंगी, जिनकी रिपोर्ट कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपी जाएगी। ये रैलियां संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सरकार की नीतियों के खिलाफ जनमत तैयार करने के लिए हैं।

संगठन को मजबूत करने की कवायद

इधर, कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए भी जोरों से सक्रिय है। 2020 में के घटनाक्रम के बाद सभी विभाग और प्रकोष्ठ भंग कर दिए गए थे। अब इनमें नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है। पिछले शुक्रवार को सात प्रकोष्ठों का गठन किया गया, जिनमें मुकुल गोयल (उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ), भरत मेघवाल (कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ), योगिता शर्मा (अभाव अभियोग प्रकोष्ठ), अमीन पठान (खेल-कूद प्रकोष्ठ), सुशील पारीक (पर्यावरण संरक्षण प्रकोष्ठ), जीवण खान कायमखानी (स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ), और संदीप यादव (सहकारिता प्रकोष्ठ) को अध्यक्ष बनाया गया।

कुल 18 प्रकोष्ठों में से 11 में नियुक्तियां हो चुकी हैं, और 11 विभागों में से 6 का गठन पूरा हो चुका है। हाल ही में आदिवासी और अल्पसंख्यक विभागों में भी नियुक्तियां की गईं। इन प्रकोष्ठों और विभागों के प्रमुख अब अपनी राज्य और जिला कार्यकारिणी का गठन करेंगे, जिससे हजारों नए कार्यकर्ता कांग्रेस से जुड़ेंगे।

कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमला

गौरतलब है कि पीसीसी चीफ डोटासरा लगातातर बीजेपी सरकार पर कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विफलता का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कई बार अपने बयानों में कहा कि प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है। स्मार्ट मीटर और RGHS योजना को लेकर भी जनता में असंतोष है। डोटासरा ने कहा कि स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता और RGHS की खामियां जनता के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं। हम इन मुद्दों को जनता के बीच ले जाएंगे और सरकार को जवाबदेह बनाएंगे।