राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के सरकारी लेटरपैड पर थाने में सीएलजी सदस्य नियुक्त करने का मामला सामने आया है। इस सूची को लेकर शहर की अधीनस्थ अदालत में परिवाद पेश हुआ है, जिस पर महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11 न्यायालय में 4 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
बलराम जाखड़ की ओर से यह परिवाद पेश किया गया। इसमें डिप्टी सीएम बैरवा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आरोप लगाए गए हैं। परिवाद में कहा कि सीएलजी सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार पुलिस अधीक्षक को है। नियमानुसार ऐसे किसी व्यक्ति को सीएलजी सदस्य नहीं बनाया जा सकता, जो राजनीतिक दल से जुड़ा हो।
बताते चलें कि डिप्टी सीएम बैरवा ने 21 जून को अपने कार्यालय से लेटरपैड पर मौजमाबाद थाने में 15 सीएलजी सदस्यों को मनोनीत कर दिया। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों यह लेटरपैड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। मौजमाबाद थाना प्रभारी संजय प्रसाद मीना ने कहा था कि ऐसा पत्र प्राप्त हुआ है। लेकिन, अभी तक इन नामों में से किसी को सूची में शामिल नहीं किया गया है। अधिकारियों का मार्गदर्शन लेकर निर्णय लिया जाएगा।
Updated on:
29 Sept 2024 10:48 am
Published on:
29 Sept 2024 08:31 am