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Rajasthan Election: परकोटे का वैभव नहीं लौटा, 15 लाख आबादी की सैटेलाइट हॉस्पिटल की आस आज भी अधूरी

विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। हालांकि भाजपा दो सीट पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। शेष सीटों पर भी दोनों ही दलों की सूची का इंतजार है।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Oct 21, 2023

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विकास जैन
जयपुर। Rajasthan Assembly Election 2023 : विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। हालांकि भाजपा दो सीट पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। शेष सीटों पर भी दोनों ही दलों की सूची का इंतजार है। आने वाले एक महीने में एक बार फिर शहर के मतदाताओं के सामने विभिन्न दल और प्रत्याशी अपने वादे और घोषणाएं लेकर पहुंचेंगे। हालांकि राजधानी जयपुर के कई इलाकों में आज भी कई ऐसे मुद्दे और जरूरतें हैं, जो बार-बार सरकार बदलने और कई दशकों के बाद भी पूरे नहीं हो सकें। कुछ कागजों में है तो कुछ के लिए कोई सरकार इच्छाशक्ति नहीं दिखा पाई।

15 लाख आबादी को नहीं मिला बड़ा अस्पताल
विस्तारित जयपुर शहर में वर्ष 2008 के परिसीमन में विद्याधर नगर और झोटवाड़ा विधानसभा इलाके अस्तित्व में आए। लेकिन इससे पहले से ही इन इलाकों के लोगों की मांग सैटेलाइट अस्पताल की रही। यहां झोटवाड़ा पंचायत समिति परिसर में कई दशक पहले सैटेलाइट अस्पताल का शिलान्यास भी कर दिया गया, लेकिन आज भी यहां अस्पताल अस्तित्व में नहीं आ पाया। इसी तरह सांगानेर में भी सैटेलाइट अस्पताल का वादा बीते कई चुनाव में रहा। मौजूदा सरकार में इसके लिए जमीन और अन्य कागजी कार्यवाही हुई, लेकिन आज भी लोगों को यह पता नहीं है कि यहां अस्पताल कब से शुरू होगा। इन तीनों विधानसभा इलाकों की आबादी करीब 15 लाख है।

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विश्व धरोहर में शामिल हुए, मगर नहीं लौटा वैभव
मौजूदा सरकार के समय परकोटा को यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया। इसके बाद इसकी विरासत और वैभव मूल स्वरूप में लौटने की उम्मीद जगी। लेकिन यह सपना भी शहर वासियों के लिए पूरा नहीं हो पाया। आज भी परकोटा में मूल स्वरूप से छड़छाड़ कर निर्माण कार्य जारी हैं। अतिक्रमण, आवारा पशु, यातायात जाम जैसी सामान्य समस्याओं को भी दूर नहीं किया जा सका है।

हवामहल...
- हवामहल विधानसभा क्षेत्र में जयसिंहपुरा इकोलॉजिकल जोन में है। यहां गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों ने मकान बना लिए। यहां मूलभूत सुविधाओं की दरकार है।
- कंवर नगर सब्जी मंडी और हटवाड़ा बड़ी समस्या है। ब्रह्मपुरी में जलभराव वर्षों से हो रहा है। ये पानी जलमहल तक कैसे जाए। इस पर कोई योजना नहीं बन पायी।

किशनपोल
- बाजार में अतिक्रमण, पार्किंग और यातायात व्यवस्था खराब है। गंदगी की वजह से लोग परेशान हैं।
- हैरिटेज से खिलवाड़ किया जा रहा है। नए बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप निगम अनुमति नहीं देता।

सांगानेर
- सांगानेर-चौरडिया पेट्रोल पंप से मुहाना मोड तक यातायात सुगम नहीं हो सका। लोग आज भी सुबह से लेकर शाम तक जाम से जूझते हैं। इससे 200 कॉलोनियों के लोग परेशान होते हैं।
- वर्ष 2009 से बीसलपुर का पानी सांगानेर से ही पूरे शहर में सप्लाई होता है, लेकिन आज भी आधा सांगानेर बीसलपुर के पानी के लिए तरस रहा है।

मालवीय नगर
- क्षेत्र में कई अंडरपास, फ्लाईओवर बन चुके हैं। लेकिन आज भी टोंक फाटक और महेश नगर फाटक बंद होने के बाद लगने वाले जाम का समाधान नहीं ढूंढा जा सका है। जबकि इनके आस-पास 5 नए अंडरपास डेढ़ दशक के दौरान बन चुके हैं।

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आदर्श नगर
- जवाहर नगर बायपास होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर तक जाने वाला मार्ग आज भी बदहाल है। यहां दिन में कई बार जाम लगता है। सडक़ बदहाल है। यहां से वाहन पार करना आज भी मुश्किल है।