
rajasthan politics राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से लगभग सभी ने उम्मीदवार उतार दिए हैं। लेकिन इनमें से करीब 13 सीटों पर विधायक, पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेताओं ने बागी के होकर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। इससे इन सीटों पर त्रिकोणीय तो कहीं चतुष्कोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है। 9 तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। ऐसे में दोनो दलों के नेताओं के पास डैमेज कन्ट्रोल के लिए चार दिन का समय शेष है। खास बात यह है कि त्रिकोणीय व चतुष्कोणीय मुकाबले में फंसी सीटों में से कई पर गत चुनाव में जीत का मार्जिन ज्यादा नहीं रहा था। वहां बागी दोनों ही दलों के जीत के समीकरण बदल सकते हैं।
आज और बढ़ेगी बागियों की संख्या
टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा-कांग्रेस के नेता, विधायक व पूर्व विधायक सोमवार को बड़ी संख्या में नामांकन दाखिल करेंगे। कई ऐसे नेताओं ने निर्दलीय के रूप में बाकायदा प्रेसवार्ता कर नामांकन पत्र दाखिल करने के एलान कर दिए हैं। जिन्हें मनाने की मशक्कत भी पार्टियों ने शुरू कर दी हैं। लेकिन ये नेता फिलहाल मानने को राजी नहीं है। बागी के रूप में आज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक कैलाश मेघवाल, विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या, बाबूलाल बैरवा, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, पूर्व विधाय बनवारी लाल सिंघल सहित कई दिग्गज नामांकन भरने का एलान कर चुके हैं।
डीडवाना
कांग्रेस ने यहां चेतनसिंह चौधरी व भाजपा ने जितेन्द्र सिंह जोधा को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन बागी के रूप में गत भाजपा सरकार में मंत्री रहे युनूस खान ने ताल ठोक दी है। ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला होना तय है। यहां उनकी लोगों में पकड़ भी ठीक बताई जा रही है। गत चुनाव में यहां 40 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से कांग्रेस के चेतन सिहं जीते थे।
झुंझुनूं
भाजपा ने यहां निषीत कुमार तो कांग्रेस ने परिवहन मंत्री बृजेन्द्र ओला को उतारा है। लेकिन गत चुनाव में यहां से भाजपा के उम्मीदवार रहे राजेन्द्र भाम्बू ने बागी होकर मैदान में उतर गए हैं। इससे यह सीट त्रिरोणीय मुकाबले में फंस गई है। वे पांच वर्ष से यहां सक्रिय थे। गत चुनाव बृजेन्द्र ओला ने करीब 40 हजार वोटों के मार्जिन से जीता था।
सांचौर
कांग्रेस ने सुखराम विश्नोई व भाजपा ने देवजी पटेल को मैदान में उतारा है। बागी के रूप में भाजपा के जीवाराम और कांग्रेस के शमशेर अली मैदान में उतर गए हैं। इससे यहां चतुष्कोणीय मुकाबला होना तय हो गया है। जीवाराम भाजपा के पूर्व विधायक हैं। वहीं शमशेर अली कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधान हैं। पिछले चुनाव में यहां सुखराम विश्नोई 25 हजार वोटों के मार्जिन से जीते हैं।
जालोर
कांग्रेस ने रमिला मेघवाल और भाजपा ने जोगेश्वर गर्ग को चुनाव में उतारा है। लेकिन पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता रामलाल मेघवाल यहां बागी हो गए हैं। इससे यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गई है। पिछली बार यह सीट जोगेश्वर गर्ग ने करीब 35 हजार वोटों के मार्जिन से जीती थी।
जैतारण
कांग्रेस ने सुरेन्द्र गोयल और भाजपा ने अविनाश गहलोत टिकट दिया है। लेकिन कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव रहे दिलीप चौधरी बागी हो गए हैं। गत विधानसभा चुनाव में इस सीट पर चौधरी दूसरे नंबर पर रहे थे। भाजपा के अविनाश ने यह सीट लगभग 12 वोटों के मार्जिन से जीती थी।
मनोहर थाना
कांग्रेस ने नेमीचंद मीना और भाजपा ने गोविंद रानीपुरिया को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन कांग्रेस के पूर्व विधायक कैलाश मीना बागी हो गए हैं। जातीय समीकरण को देखते हुए यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। गत चुनाव में भाजपा के गोविंद रानीपुरिया करीब 21 हजार वोटों से जीते थे।
डग
कांग्रेस ने चेतराज गहलोत और भाजपा ने कालूराम मेघवाल को प्रत्याशी बनाया है। लेकिन कांग्रेस के रामचंद्र सुनारीवाल के बागी होने से सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंसती दिख रही है। गच चुनाव में यहां कालूराम मेघवाल 19 हजार वोटों से जीते थे।
अजमेर दक्षिण
कांग्रेस ने द्रौपदी कोली और भाजपा ने अनिता भदेल को टिकट दिया है। लेकिन पीसीसी सदस्य हेमंत भाटी बागी हो गए हैं। इससे सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गई है। यहां तीनों ही प्रत्याशी कोली जाति से। कोली वोट बैंक में सेंध के चलते मुकाबला रोचक होगा। गत चुनाव में अनिता भदेल मात्र 5700 वोटों के मार्जिन से जीती थी।
केकड़ी
कांग्रेस ने रघु शर्मा व भाजपा ने शत्रुघ्न गौतम को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन पूर्व विधायक बाबूलाल सिगारिया बागी हो गए हैं। इससे पहले भी 2013 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मैदान में उतरे थे और 10 हजार से ज्यादा वोट लिए। इससे वे अब दोनों दलों के जीत के गणित को बिगाड़ते दिख रहे हैं। इस सीट पर गत चुनाव में रघु शर्मा यहां करीब 19 हजार वोटों के मार्जिन से जीते थे।
पुष्कर
कांग्रेस ने नसीम अख्तर इंसाफ और भाजपा ने सुरेश रावत को मैदान में उतारा है। लेकिन कांग्रेस के पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती बागी हो गए हैं। एेसे में यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गई है। वे विधानसभा क्षेत्र के ही कड़ैल गांव निवासी हैं और ग्रामीण व शहरी मतदाताओं में पकड़ है। पिछली बार इस सीट से सुरेश रावत 9389 वोटों के मार्जिन से जीते थे।
बांसवाड़ा
कांग्रेस ने अर्जुनसिंह बामनिया और भाजपा ने धनसिंह रावत को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा जनजाति मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हकरू मईड़ा बागी हो गए हैं। गत चुनाव में हकरू भाजपा प्रत्याशी थे और रावत भाजपा से बागी रहे थे। लेकिन करीब 18 हजार वोटों के मार्जिन से अर्जुनसिंह बामनिया चुनाव जीते थे।
लाडपुरा
कांग्रेस ने नईमुद्दीन गुड्डू व भाजपा ने कल्पना देवी को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन भाजपा के पूर्व विधायक भवानीसिंह राजावत बागी हो गए हैं। वे सेामवार को रैली के साथ नामांकन भरने की घोषणा कर चुके हैं। पिछली बार इस सीट से भाजपा 19 हजार से अधिक वोटों से जीती थी। यहां 2003 से लगातार भाजपा का कब्जा है।
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़
कांग्रेस ने मांगेलाल मीणा और भाजपा ने बन्नाराम मीणा को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन यहां से कांग्रेस विधायक जौहरीलाल मीणा बागी हो गए हैं। इससे यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गई है। गत चुनाव में यह सीट जौहरीलाल ने 30 हजार वोटों से जीती थी।
Published on:
06 Nov 2023 07:51 am
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