20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan Election 2023: कोलाहल थमेगा, प्रत्याशी झोकेंगे पूरी ताकत, कांग्रेस भाजपा समेत अन्य दलों ने बनाई रणनीति

Rajasthan Election 2023: प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर एक सप्ताह से परवान चढ़ा चुनावी शोर गुरुवार शाम 6 बजे थम जाएगा। भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों ने प्रचार में इस बार पूरी ताकत झोंक दी है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Kirti Verma

Nov 23, 2023

assembly_election_111.jpg

Rajasthan Election 2023: प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर एक सप्ताह से परवान चढ़ा चुनावी शोर गुरुवार शाम 6 बजे थम जाएगा। भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों ने प्रचार में इस बार पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, योगी आदित्यनाथ ने चुनावी कमान संभाली तो वहीं, कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत ने चुनावी कमान संभाली। पन्द्रह नवम्बर से शुरू हुआ.
चुनावी प्रचार लगातार बढ़ता गया। भाजपा ने जहां प्रचार में पूरी ताकत झोंकी, वहीं कांग्रेस ने भी इस बार कोई कमी नहीं छोड़ी। गारटियों को लेकर भी यह चुनाव प्रचार याद किया जाएगा। प्रदेश में 25 नवम्बर को मतदान होना है, ऐसे में गुरुवार शाम छह बजे प्रचार थम जाएगा। अंतिम दिन भाजपा-कांग्रेस के कई बड़े नेता प्रदेश में मौजूद रहेंगे। भाजपा की तरफ से पीएम नरेन्द्र मोदी, अमित शाह प्रदेश में रहेंगे, वहीं कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी-प्रियंका गांधी प्रदेश में मौजूद रहेंगे। पीएम नरेन्द्र मोदी राजसमंद जिले में सभा करेंगे, वहीं अमित शाह दो रोड शो करेंगे। राहुल गांधी जयपुर में मौजूद रहेंगे।

शाम 6 बजे बाद घर-घर जाकर जनसम्पर्क
गुरुवार शाम छह बजे बाद प्रत्याशी घर-घर जाकर जनसम्पर्क कर सकेंगे। इससे पहले बुधवार को भाजपा- कांग्रेस सहित अन्य दलों के प्रत्याशियों ने शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी जनसंपर्क किया। साथ ही अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए अलग- अलग समाज वर्ग की बैठकें कीं। इस चुनाव में दोनों ही प्रमुख दलों ने अग्रेसिव मोड में चुनावी सभाएं कीं और एक- दूसरे पर खूब आरोप प्रत्यारोप भी लगाए। क्रिकेट वर्ल्ड कप का भी राजनीतिक रैलियों में नेताओं ने अपने भाषण में खूब उपयोग किया और अपनी शैली में विरोधी दलों के लिए क्रिकेट के माध्यम से राजनीतिक कटाक्ष किए। भाजपा जहां चुनाव राज बदलने के लिए लड़ रही है, वहीं कांग्रेस 25 साल का रिवाज बदलने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है।

यह भी पढ़ें : मतदाता अभी नहीं खोल रहे पत्ते, प्रत्याशी बहा रहे पसीना

युवा-महिलाओं के साथ उठाया ओपीएस का मुद्दा
भाजपा ने जहां इस बार पूरा फोकस युवा और महिलाओं पर रखा है, वहीं कांग्रेस ने स्वास्थ्य और ओपीएस को मुख्य मुद्दा बनाया है। बयानों को लेकर निर्वाचन आयोग से प्रियंका गांधी सहित कई अन्य नेताओं को नोटिस भी मिले हैं। चुनाव आयोग से शिकायत करने के मामले में भाजपा कांग्रेस के मुकाबले आंगे रही। . मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एफिडेविट की शिकायतें भी हुईं।

यह भी पढ़ें : राजे के गढ़ में कांग्रेस के नए चेहरे से क्या बदलेगी सीट की रवायत