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Rajasthan elections 2023: कांग्रेस के बड़े नेताओं को उनके ही क्षेत्र में फंसाने का नया प्लान बना रही भाजपा, जानिए कैसे

नवरात्रि पर्व की शुरूआत के साथ ही अब भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है

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राहुल सिंह, जयपुर। नवरात्रि पर्व की शुरूआत के साथ ही अब भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पहली सूची में 41 में से करीब आधा दर्जन सीटों पर बगावती तेवरों के बाद भाजपा अब बची हुई सीटों पर फूंक-फूंक कर आगे बढ़ रही हैं, वहीं भाजपा अब कांग्रेस के बड़े चेहरों को उनके ही क्षेत्र में चक्रव्यूह में फंसाने का नया प्लान भी बना रही है। ऐसे चेहरों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट शामिल हैं। भाजपा की ओर से कांग्रेस के इन नेताओं के सामने बड़े और मजबूत नेताओं को उतारने की रणनीति बन रही है। हाल ही भाजपा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के सामने पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया को उतारकर इस बात के संकेत दे दिए हैं।

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भाजपा का मकसद यह है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को उनकी सीट पर ही फंसा दिया जाए और यह तभी होगा जब भाजपा के मजबूत चेहरे इनके सामने मैदान में होंगे। ऐसे में कांग्रेस के इन नेताओं को प्रचार के लिए दूसरी सीटों पर जाने का समय ही नहीं मिल पाएगा और ये अपनी सीटों पर ज्यादा फोकस करेंगे।

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लोकसभा चुनाव में हो चुका प्रयोग
अमेठी में भाजपा ने राहुल गांधी के सामने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को चुनावी मैदान में उतार दिया। राहुल अन्य सीटों पर ध्यान देने के कारण अपनी अमेठी की वह सीट हार गए, जो गांधी परिवार का गढ़ मानी जाती थी।-पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम सीट पर भाजपा ने टीएमसी में रह चुके नेता शुभेन्दु अधिकारी को ममता बनर्जी के सामने चुनाव लड़ाया और वहां ममता चुनाव हार गई।

इन नेताओं का इन क्षेत्रों में असर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मारवाड़ और सचिन पायलट का पूर्वी राजस्थान में ज्यादा असर है। इसी तरह सीपी जोशी मेवाड़ प्रभाव रखते हैं। पिछली बार भाजपा को पूर्वी राजस्थान में करारी शिकस्त मिली थी। अबकी बार इन्हें रोकने के लिए अचूक रणनीति बना रही है।

गहलोत के सामने शेखावत या....
भाजपा से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इस बार सरदारपुरा विधानसभा सीट से अशोक गहलोत के सामने भाजपा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत या किसी अन्य बडे नेता को भी मैदान में उतार सकती है। गहलोत के सामने भाजपा पिछले दो चुनाव में शंभू सिंह खेतासर को चुनाव मैदान में उतार चुकी है, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जबकि 2008 में भाजपा ने वर्तमान राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत को चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन वे भी अशोक गहलोत के सामने हार गए।


जोशी के सामने महेश को उतारा था
वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष सीपी उपमुख्यमंत्री एवं टोंक से विधायक जोशी के सामने पिछले चुनाव में भाजपा ने महेश प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया था। वहीं, लक्ष्मणगढ़ से गोविंद सिंह डोटासरा के सामने बीजेपी ने पिछले चुनाव में दिनेश जोशी को मैदान में उतारा था। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं टोंक से विधायक सचिन पायलट के सामने भी गुर्जर वोट बैंक को देखते हुए भाजपा किसी गुर्जर नेता पर भी दांव खेल सकती है। उनके सामने 2018 के विधानसभा चुनाव में यूनुस खान को भाजपा ने टिकट दिया था।