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झोटवाड़ा विधानसभा सीट: भाजपा 2-1 से आगे, कांग्रेस को रिपीट की आस

Rajasthan Assembly Election 2023 : वर्ष 2008 के परिसीमन में झोटवाड़ा विधानसभा सीट सृजित की गई थी। मतदाताओं की संख्या के लिहाज से यह राज्य की सबसे बड़ी सीट है।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Oct 21, 2023

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अश्विनी भदौरिया
जयपुर। Rajasthan Assembly Election 2023 : वर्ष 2008 के परिसीमन में झोटवाड़ा विधानसभा सीट सृजित की गई थी। मतदाताओं की संख्या के लिहाज से यह राज्य की सबसे बड़ी सीट है। यहां चार लाख से अधिक मतदाता है। अस्तित्व में आने के बाद से अब तक इस सीट पर हुए तीन चुनाव में दो बार भाजपा और एक बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। इस बार भाजपा की पहली सूची में यहां से जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को प्रत्याशी बनाया गया है। पूर्व मंत्री व इस क्षेत्र के पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत के समर्थक पार्टी के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।

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जाट-यादव-राजपूत बहुल इस सीट पर 2008 में राजपाल ने लालचंद कटारिया को 2455 मतों से हराया। 2013 के चुनाव में राजपाल के सामने कांग्रेस ने रेखा कटारिया को प्रत्याशी बनाया। राजपाल की जीत का अंतर बढकऱ 19,302 हो गया। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो राजपाल को नगरीय विकास और उद्योग मंत्री बनाया गया।

हिसाब किया बराबर: वर्ष 2018 के चुनाव में एक बार फिर राजपाल और लालचंद आमने-सामने थे। कटारिया ने 10,747 मतों से जीत हासिल की। इस जीत से उन्होंने 2008 की हार का भी हिसाब बराबर कर लिया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और कटारिया कृषि मंत्री बनाए गए।

दो प्रत्याशियों ने चौंकाया: वर्ष 2013 में सीट पर राजपा से हरीश यादव ने 35,445 और निर्दलीय प्रत्याशी आशु सिंह ने 18704 मत हासिल किए थे। दोनों ने उम्मीद से बढ़कर मत हासिल किए थे। इस बार फिर आशु सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का दावा कर रहे हैं।

59,899 नए मतदाता: इस सीट पर प्रदेश में सर्वाधिक 4.20 लाख मतदाता हैं। इनमें से 2.18 लाख पुरुष और 2.10 लाख महिला हैं। पिछले पांच वर्ष में 59,899 नए मतदाता भी जुड़े हैं।

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पेयजल का इंतजार, सीवरेज नहीं..सेफ्टी टैंक के भरोसे
शहर के पॉश इलाकों में शुमार वैशाली नगर इसी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। 200 फीट बायपास पार करके पृथ्वीराज नगर-उत्तर आता है। यह घनी आबादी वाला क्षेत्र है। यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं की दरकार है। स्थिति यह है कि कई कॉलोनियों में पानी के लिए पाइप लाइन तो बिछा दी गई, लेकिन पानी का इंतजार खत्म नहीं हुआ। सीवर लाइन नहीं होने से लोग वर्षों से सेप्टिक टैंक के भरोसे हैं। इससे आगे बढऩे पर ग्रामीण इलाके की शुरुआत होती है। वहां भी समस्याएं अपार हैं।