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Rajasthan Election 2023 : भाजपा कार्यालय में दावेदार-नाराज नेताओं का लगा तांता

Rajasthan Assembly Election 2023 : चुनाव का बिगुल बज चुका है। भाजपा की पहली सूची भी आ चुकी है। इसके बाद से नाराज नेता और कार्यकर्ताओं का हुजुम बढ़ रहा है तो दावेदारों की भीड़ भी उतनी ही प्रदेश कार्यालय में आ रही है।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Oct 13, 2023

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जयपुर । Rajasthan Assembly Election 2023 : चुनाव का बिगुल बज चुका है। भाजपा की पहली सूची भी आ चुकी है। इसके बाद से नाराज नेता और कार्यकर्ताओं का हुजुम बढ़ रहा है तो दावेदारों की भीड़ भी उतनी ही प्रदेश कार्यालय में आ रही है। कार्यालय के बाहर कारों की बड़ी-बड़ी लाइनें लगने लगी हैं। चुनाव प्रचार सामग्री भी बिकने लगी हैं, तो बाहर चाय की थड़ियों पर चुनावी चर्चा तेज है।

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पत्रिका संवाददाता ने गुरुवार दोपहर 12.30 से 1.30 बजे तक प्रदेश भाजपा कार्यालय में हो रहे घटनाक्रम का जायजा लिया। प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित अन्य नेताओं की बैठकें चल रही थीं। वहीं, दावेदार और नाराज नेताओं की भीड़ बाहर गार्डन में इन नेताओं से मुलाकात को लेकर इंतजार कर रही थी। बीकानेर पश्चिम से एक दावेदार अरुल आचार्य अपना बायोडेटा लेकर प्रदेश कार्यालय के अंदर नेताओं के कक्ष के बाहर खड़े नजर आए। हालांकि कक्ष का दरवाजा बंद था। आचार्य अमरीका में रहते थे। चुनाव लड़ने की इच्छा हुई तो सब कुछ छोड़ वापस बीकानेर आ गए। दूसरी ओर कार्यालय में सांचोर सीट पर मचे बवाल को थामने के लिए भी प्रयास होते भी नजर आए। सांचोर से दावेदारी कर रहे जीवाराम चौधरी और कोटपूतली से भाजपा प्रत्याशी का विरोध करने वाले धूड़ सिंह भी पार्टी कार्यालयय समर्थकों के साथ जमे थे।

दादा से मिलने आया पोता
प्रदेश कार्यालय में दोपहर में एक रोचक किस्सा भी दिखा। राजनीति की आपाधापी में उलझे नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ से मिलने उनका पोता भाजपा प्रदेश कार्यालय आया। पोते की सूचना मिली तो राठौड़ तुरन्त बैठक छोड़कर बाहर आए और पोते से मिले।

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कॉर्पोरेट संस्कृति की भी खूब चर्चा
प्रदेश कार्यालय में आने वाले करीब 70 वर्षीय बुजुर्ग कार्यकर्ता रामलाल कहते नजर आए कि एक जमाना था जब कार्यालय में अंदर बने कमरों में जाने के लिए किसी की अनुमति नहीं लेनी पड़ती थी। अब तो हालत यह हो गई है कि पहले तो कार्यालय में अंदर आने के लिए गार्ड की अनुमति लो। कमरे में जाना तो संभव ही नहीं। रामलाल का कहना था कि अब पार्टी का कल्चर बदल गया है।