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Rajasthan Elections : खुशखबर, चुनाव आयोग ने बढ़ाई प्रत्याशियों के खर्च की लिमिट

Rajasthan Assembly Elections 2023 : खुशखबर, चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के खर्च की लिमिट बढ़ाई है। आयोग ने खर्च लिमिट में 24 फीसद का इजाफा किया है।

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Assembly Elections : यहां प्रत्याशियों से पहले कौन कर रहा वोट देने की मनुहार, पढ़े पूरी खबर

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राजस्थान विधानसभा चुनाव अपने शबाब पर आ रहा है। सभी पार्टियों ने अपने कील कांटें मजबूत कर लिए हैं। इस बीच चुनाव में लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी खुशखबर है। राजस्थान चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के खर्च की सीमा में इजाफा किया है। चुनाव खर्च की सीमा करीब 28 फीसद तक बढ़ा दिया है। उम्मीदवारों के चुनाव खर्च को 28 लाख रुपए से बढ़ाकर अब 40 लाख रुपए कर दिया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि 2018 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्येक उम्मीदवार की चुनावी खर्च की सीमा 28 लाख रुपए थी। कोविड महामारी के समय वर्ष 2020 में इसे बढ़ाकर 30 लाख 18 हजार रुपए कर दिया गया था। 2022 में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह सीमा बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दी गई है।



व्यय का सारा ब्यौरा जमा कराना अनिवार्य - प्रवीण गुप्ता

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि उम्मीदवार को निर्वाचन व्यय का सार विवरण जिला निर्वाचन अधिकारी को जमा कराना अनिवार्य होता है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उम्मीदवार के चुनाव व्यय में कुछ मद अनुमत किए गए हैं एवं कुछ अनुमत नहीं किए गए हैं।

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व्यय अनुमत के बारे में जानें

जनसभाएं, रैली-जुलूस, बैनर व अन्य प्रचार सामग्री पर व्यय अनुमत किया गया है। साथ ही केबल नेटवर्क, बल्क एसएमएस, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार और प्रिन्ट तथा इलेक्ट्रोनिक मीडिया के विज्ञापनों पर व्यय भी अनुमत है। वर्चुअल प्रचार अभियान पर होने वाले व्यय का भी ब्यौरा प्रत्याशी देते हैं। प्रत्याशियों द्वारा प्रयुक्त वाहनों पर होने वाले व्यय के साथ सभाओं और रैलियों में उपयोग की जा रही सामग्री, साउंड सिस्टम आदि के खर्च का भी ब्यौरा दिया जाता है।

चुनावी खर्च में वस्तुओं व सेवाओं की दरें होंगी तय

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजनैतिक दलों एवं प्रत्याशियों के चुनावी खर्च के लिए विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं की दरों का निर्धारण जिला स्तर पर जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में किया जाता है।

निर्धारित सीमा से अधिक चुनावी व्यय अनुमत नहीं

प्रवीण गुप्ता ने बताया कि निर्धारित सीमा से अधिक चुनावी व्यय अनुमत नहीं किया जाता है एवं जिला स्तर पर एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय स्तर पर सभी प्रत्याशियों द्वारा किए जा रहे व्यय की पड़ताल निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की जाती है। लोकतंत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में चुनाव व्यय पर नियंत्रण महत्वपूर्ण कदम है।

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