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राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही सस्ती बिजली, क्यों? सामने आई यह बड़ी वजह

Rajasthan Cheap Electricity : राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में देश का सिरमौर है। पर राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली नहीं मिल रही है। क्यों? सामने आई यह बड़ी वजह।

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Rajasthan Electricity Consumers are not getting Cheap Electricity why This is big reason

फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan Cheap Electricity : राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में देश का सिरमौर है, लेकिन यहां के उपभोक्ताओं को इसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा। प्रदेश में वर्तमान में 25 हजार मेगावाट से ज्यादा सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है, पर इनमें से केवल 7500 मेगावाट ही डिस्कॉम को मिल रही है। बाकी 17500 मेगावाट बिजली सीधे दूसरे राज्यों को सप्लाई हो रही है। अक्षय ऊर्जा नीति में स्पष्ट प्रावधान है कि राजस्थान में प्लांट लगाने वाली कंपनियां अपने कुल उत्पादन का 7 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश को दे या इसके बदले 50 हजार रुपए प्रति मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी डवलपमेंट फेसिलिटेशन चार्ज जमा करें।

राज्य को एक यूनिट भी सस्ती बिजली नहीं मिली

हकीकत यह है कि अब तक राज्य को एक यूनिट भी सस्ती बिजली नहीं मिली। सरकार भी कंपनियों से फीस लेकर तिजोरी भरने में व्यस्त है, लेकिन उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं। पिछले दिनों करीब 15 मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गई है।

तो ये मिलेंगे फायदे

1- बिजलीघरों में कोयले की किलतत खत्म होगी, न्यूनतम 21 दिन का स्टॉक हमेशा रहेगा।
2- विदेशों से महंगा कोयला खरीदने पर लगने वाले हजारों करोड़ बचेंगे।
3- डिमांड बढ़ने पर कटौती की नौबत कम आएगी।
4- बिजली एक्सचेंज से 10 रुपए यूनिट तक महंगी बिजली खरीदने की जरूरत घटेगी।
5- महंगे कोयले और परिवहन लागत के नाम पर फ्यूल सरचार्ज का बोझ कम होगा।

राजस्थान में सबसे ज्यादा सौर रेडिएशन

यहां सोलर रेडिएशन की प्रति वर्गमीटर सालाना 5.72 यूनिट उत्पादन क्षमता है। यही वजह है कि बड़ी कंपनियां यहां सोलर पार्क स्थापित कर रही हैं। प्रदेश में 24 हजार मेगावाट सोलर, 5200 मेगावाट विंड, 128 मेगावाट बावोमांस और 24 मेगावाट स्मॉल हाइडो क्षमता है। विशेषोज्ञों का कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो राज्य के उपभोक्ता सौर ऊर्जा के बड़े उत्पादक होने के बावजूद सस्ती बिजली से वंचित रहेंगे।