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BH Registration Number Plate : केन्द्रीय कर्मचारी, सैन्य अधिकारी व जवानों के वाहनों के लिए लागू बीएच (भारत) रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट का राजस्थान में दुरुपयोग हो रहा है। जिन राज्य कर्मचारियों का तबादला अन्य राज्य की तो छोड़ें जिले के बाहर नहीं हो सकता उन्होंने भी चौपहिया वाहनों पर बीएच नंबर प्लेट लगवा ली है। प्रदेश में बीएच नंबर प्लेट वाहनों की संख्या बीते साढ़े 3 साल में करीब 65 हजार के पार हो चुकी है। इससे राज्य के परिवहन विभाग को वन टाइम टैक्स का बड़ा नुकसान हो रहा है। हालांकि ऐसे कर्मचारियों के द्वारा बीएच सीरीज की नंबर प्लेट अधिसूचना के प्रावधान के तहत ही हासिल की जा रही है।
भारत (बीएच) नंबर प्लेट योजना का मकसद वाहन पंजीकरण को सरल व समान बनाने के साथ ही केंद्रीय सेवाओं के कार्मिकों को सुविधा मुहैया कराना है। लेकिन प्रदेश में राज्य कर्मचारी भी इसका फायदा ले रहे हैं। केन्द्र सरकार ने केन्द्र, राज्य सरकार, सेना व कुछ उपक्रम क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए नवबर 2021 में राष्ट्रव्यापी वाहन पंजीकरण प्रणाली लागू की थी। जिससे केंद्रीय कार्मिकों का अन्य राज्यों में तबादला होने से उन्हें राज्य बदलने पर वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन करने की कार्रवाई से राहत मिल सके। बीएच नंबर प्लेट वाहनों को नए राज्य में जाने पर पंजीकरण की जरूरत नहीं होती है। जबकि सामान्य रजिस्ट्रेशन पर दूसरे राज्यों में वाहन जाने पर रोड टैक्स, बीमा ट्रांसफर व अन्य प्रक्रिया करनी होती है।
1- साधारण नंबर प्लेट की नई कार पर 15 साल का एकमुश्त रोड टैक्स अदा करना होता है। जबकि बीएच सीरीज का पहली बार नंबर लेने पर 2 साल का रोड टैक्स देना होता है। इसके बाद प्रत्येक 2 साल के अंतराल में रोड टैक्स जमा कराना होता है।
2- बीएच सीरीज पर रोड टैक्स वाहन की कीमत से जीएसटी हटाकर आंका जाता है। ऐसे में बीएच सीरीज पर रोड टैक्स की राशि कम देनी होती है।
3- बीएच सीरिज के लिए 10 लाख से कम के पेट्रोल व्हीकल पर 8 फीसदी, 10 से 20 लाख की गाड़ी पर 10 फीसदी व 20 लाख से ज्यादा की गाड़ी पर 12 फीसदी रोड टैक्स लगता है। डीजल पर 2 फीसदी टैक्स बढ़ जाता है जबकि इलेक्ट्रिक कार पर 2 फीसदी टैक्स कम देना पड़ता है।
बीएच स्कीम जब आई थी तब केन्द्रीय कर्मचारी व सेना के लिए थी लेकिन राज्य नोटिफिकेशन में राजकीय कर्मचारी अंकित है। राज्य कर्मचारी भी आवेदन कर विभागीय मुखिया का सर्टिफिकेट पेश कर देते हैं। जबकि पॉलिसी में 4 राज्यों में तबादले वाले कर्मचारियों को बीएच नंबर जारी किए जा सकते हैं। बीएच नंबर बढ़ने से राज्य के वन टाइम टैक्स में काफी नुकसान हो रहा है।
सुमन भाटी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, अजमेर
प्रदेश में स्कीम लॉन्चिंग के समय जारी नोटिफिकेशन में ‘राजकीय कर्मचारी’ अंकित होने पर राज्य कर्मचारियों में बीएच नबर लेने की होड़ मच गई। इसमें राष्ट्रीयकृत बैंक, पुलिस, शिक्षकों की खासी तादाद है। यह वर्ग नोटिफिकेशन का हवाला देकर बीएच नंबर प्लेट हासिल कर रहे हैं।
Updated on:
26 Aug 2025 02:09 pm
Published on:
26 Aug 2025 02:08 pm
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