
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को वित्त विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें राज्य सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में प्रतिनियुक्ति के जरिए भरे जा रहे इंजीनियरों के पदों को प्रमोशन के पद में बदलकर पंचायती राज विभाग के संवर्ग में शामिल करने की बात कही गई थी।
कहां अटक रहा था पेंच
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में मूल स्वीकृत पदों के विरुद्ध विभागीय पंचायती राज अभियंताओं का पदोन्नति चैनल नगण्य होने के कारण विभाग में ही अभियंताओं के विभिन्न स्तर के पद प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरे जा रहे थे। इसकी मंजूरी 10 वर्ष पहले ही दी गई थी, लेकिन यहां प्रतिनियुक्ति पर लगे इंजीनियरों के प्रमोशन को लेकर विभाग उलझा हुआ था कि मूल विभाग नहीं होने से यहां उनकी पदोन्नति का रास्ता ही नहीं था।
अब इससे क्या फायदा होगा
इस प्रस्ताव के पास होने के साथ ही उन इंजीनियरों को पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है, जो नियमों में उलझकर इससे वंचित रह गए थे। विभाग में 10 साल से प्रमोशन के लिए संघर्ष कर रहे इंजीनियरों की मांग पूरी हो गई है। और आगे के लिए भी एक बड़ी विसंगति को दूर कर दिया गया है।
लंबे समय से कर रहे थे प्रदर्शन
गौरतलब है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लगे इंजीनियर काफी समय से प्रमोशन की मांग करते हुए इस विसंगति को दूर करने के लिए हड़ताल, धरना और ज्ञापन-प्रदर्शन कर रहे थे।
Published on:
27 Sept 2019 06:33 pm
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