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Rajasthan health : ईएनटी सेवाओं का होगा विस्तार, मेडिकल कॉलेजों में कॉक्लियर इम्प्लांट और विशेषज्ञ सुविधाएं सुलभ होंगी

Cochlear implant in Rajasthan : अब कॉक्लियर इम्प्लांट के लिए नहीं लगाने होंगे चक्कर, हर कॉलेज में बनेगी रेफरल कमेटी, हर जिले में मिलेगा विशेषज्ञ इलाज, ईएनटी के लिए होंगे प्रशिक्षित ऑडियोलॉजिस्ट और नई मशीनें।

जयपुर

Rajesh Dixit

Jul 06, 2025

ENT services : जयपुर। प्रदेश में अब ईएनटी (कान-नाक-गला) चिकित्सा सेवाएं और अधिक सुदृढ़ बनाई जाएंगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तय किया है कि संभागीय एवं जिला स्तर पर ईएनटी उपचार सुविधाएं बेहतर की जाएंगी ताकि सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) पर मरीजों का भार कम हो और आमजन को स्थानीय स्तर पर ही समुचित इलाज मिल सके।

इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव अम्बरीष कुमार की अध्यक्षता में राज्य के मेडिकल कॉलेजों में ईएनटी विभाग की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में कॉक्लियर इम्प्लांट ऑपरेशन में आ रही दिक्कतों, ऑडियोमेट्री टेस्टिंग की कमी, लंबी प्रतीक्षा सूची, प्रशिक्षित ऑडियोलॉजिस्ट और स्पीच थैरेपिस्ट की अनुपलब्धता जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई।

राज्यभर में मानव संसाधन और मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित

शासन सचिव ने बताया कि जिन मेडिकल कॉलेजों में मशीनें तो हैं लेकिन स्टाफ नहीं है या जहां स्टाफ है लेकिन जरूरी उपकरण नहीं हैं, वहां इन कमियों को दूर किया जाएगा। एनएचएम और निदेशालय स्तर पर मशीनों की खरीद और लगभग 50 ऑडियोलॉजिस्ट व स्पीच थैरेपिस्ट की भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है।

हर कॉलेज में रेफरल कमेटी का गठन

एसएमएस में अनावश्यक रेफरल को रोकने के लिए अब हर मेडिकल कॉलेज में ही रेफरल कमेटी बनाई जाएगी। ये कमेटी कॉक्लियर इम्प्लांट के पात्र मरीजों का चयन करेगी और मरीजों को बार-बार अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। साथ ही रेफरल प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाएगा। सभी मामलों का नियमित ऑडिट भी किया जाएगा।

संभागीय कॉलेज देंगे प्रशिक्षण

जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर और बीकानेर स्थित संभागीय मेडिकल कॉलेज अपने अधीनस्थ कॉलेजों के ईएनटी विशेषज्ञों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग प्रदान करेंगे। इससे दूरस्थ जिलों तक भी कॉक्लियर इम्प्लांट जैसी उन्नत सेवाएं पहुंच सकेंगी।

ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. पवन सिंघल ने सुझाव दिया कि गरीब मरीजों को कॉक्लियर इम्प्लांट के साथ आवश्यक बैटरियां भी निःशुल्क या रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जाएं।

राज्य सरकार का यह कदम ईएनटी चिकित्सा सेवाओं को सुलभ और सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है, जिससे प्रदेश के लाखों मरीजों को राहत मिलेगी।